अतिरिक्त हार्डवेयर की जरूरत की वजह से उत्सर्जन के नए मानदंड ‘ओबीडी 2 चरण बी’ के कारण देश में दोपहिया वाहनों की कीमतों में एक से दो प्रतिशत तक का मामूली इजाफा होगा। हीरो मोटोकॉर्प के कार्यकारी निदेशक (परिचालन) विक्रम कसबेकर ने आज यह जानकारी दी।
ओबीडी 2 चरण बी (ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक्स 2 चरण बी) के मानदंड देश में वाहनों के लिए कार्बन उत्सर्जन निगरानी के ऐसे कड़े मानक हैं जो उत्सर्जन की तत्काल निगरानी और निदान क्षमताओं को बढ़ाते हैं। ये मानदंड इस साल 1 अप्रैल के बाद बनने वाले वाहनों पर लागू होंगे।
1 मई से कंपनी के कार्यवाहक मुख्य कार्याधिकारी का पदभार संभालने जा रहे कसबेकर ने कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान विश्लेषकों को बताया, ‘जहां तक ओबीडी-2 चरण-बी का सवाल है, तो हम सही रास्ते पर हैं। यह पहले वाले से इस मायने में कुछ अलग है क्योंकि हम 31 मार्च तक निर्माण कर सकते हैं और उसके बाद उन वाहनों को बाजार में बेचा जा सकता है। हालांकि 1 अप्रैल से हमें ओबीडी-2 चरण-बी के अनुसार ही वाहनों का निर्माण करना होगा। हम सही रास्ते पर हैं और हम समयसीमा से पहले ही अपना पूरा फोलियो बदल देंगे।’
उन्होंने कहा, ‘वाहनों में लगाए जाने वाले अतिरिक्त हार्डवेयर की वजह से दामों में एक-दो प्रतिशत का मामूली इजाफा होने जा रहा है। यह समूचे उद्योग पर लागू होगा।’ हीरो मोटोकॉर्प ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के दौरान अपने संयुक्त शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 1,107.5 करोड़ रुपये के साथ 1.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी विवेक आनंद ने वेतनभोगी व्यक्तियों की 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगाए जाने की केंद्र सरकार की हालिया घोषणा का स्वागत किया।
आनंद ने कहा, ‘अगर आप वास्तव में हमारी शुरुआती श्रेणियों, खास तौर पर 100 से 110 सीसी वाली श्रेणियों को देखें तो ग्राहकों की आय सीमा छह से 12 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच है। अगर मैं वास्तव में बजट के बारे में बात करूं तो बजट ने जो एक काम किया, वह यह है कि इस श्रेणी के ग्राहकों को कर राहत उपलब्ध कराई है। इसका मतलब यह है कि अगले (वित्त) वर्ष में उनके हाथ में वाकई खर्च करने योग्य नकदी बढ़ेगी।’
उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जो प्रति वर्ष 10 से 12 लाख रुपये के आसपास कमा रहा है, उस पर 40,000-50,000 रुपये की नकदी का सकारात्मक असर पड़ेगा। इससे संभवतः दोपहिया वाहन के लिए दी जाने वाली ईएमआई सध जाएगी। इससे वाकई दोपहिया क्षेत्र की खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी।’