HAL Maharatna Status: भारत की डिफेंस सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को आज यानी 12 अक्टूबर को ‘महारत्न’ कंपनी का दर्जा दे दिया गया है। इसके साथ ही HAL भारत की 14वीं ऐसी कंपनी बन गई है, जो महारत्न की कैटेगरी में शामिल हो गई।
HAL ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X से सार्वजनिक उद्यम विभाग (Department of Public Enterprises) की पोस्ट को रीपोस्ट किया। पोस्ट में लिखा है, ‘वित्त मंत्री ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 14वें महारत्न CPSE में अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव की पहले वित्त सचिव (finance secretary) की अध्यक्षता वाली अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC) और कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली शीर्ष समिति ने सिफारिश की थी। HAL रक्षा उत्पादन विभाग (DoDP) CPSE है जिसका सालाना कारोबार 28162 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7595 करोड़ रुपये रहा है।’
Hon’ble Finance Minister has approved the upgradation of Hindustan Aeronautics Limited (HAL) to 14th #Maharatna CPSE. The proposal has earlier been recommended by Inter-Ministerial Committee (IMC) headed by Finance Secretary and Apex Committee headed by Cabinet Secretary. HAL is… pic.twitter.com/xBR18okU74
— Department of Public Enterprises (@DPE_GoI) October 12, 2024
महारत्न कंपनियां भारत की प्रमुख कंपनियां होती हैं जिन्हें भारत सरकार की तरफ से कुछ फैसले लेने की पर्याप्त स्वायत्तता (autonomy) और अधिकार दिए जाते हैं। ऐसी कंपनियां देश के सबसे प्रभावशाली और फाइनेंशियल तौर पर मजबूत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (public sector undertakings/PSU) में से होती हैं। भारत सरकार अलग-अलग मानदंडों के आधार पर केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE/Central Public Sector Enterprises) को तीन अलग-अलग कैटेगरी में बांटती है-महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न।
महारत्न कंपनियों की बात करें तो यह स्टेटस उन्हें ही मिलता है, जिन्हें पहले से नवरत्न स्टेटस मिला हुआ है। किसी भी कंपनी को महारत्न का स्टेटस हासिल करने के लिए उसका लगातार तीन साल तक टैक्स के बाद एवरेज नेट प्रॉफिट (PAT) 5,000 करोड़ रुपये सालाना होना चाहिए। इसके अलावा, कंपनी का लगातार तीन साल तक सालाना टर्नओवर 25,000 करोड़ रुपये होना चाहिए। साथ ही साथ इंटरनेशनल मार्केट में पहुंच भी होनी चाहिए।
महारत्न का दर्जा मिलने के बाद HAL के पास अपने फैसले लेने की ज्यादा स्वतंत्रता होगी। कंपनी की निवेश क्षमता में इजाफा होगा। सरकारी कंपनी होने के नाते इसे हर चीज के लिए सरकार से परमिशन की जरूरत नहीं होगी। अब, HAL किसी भी सरकारी मंजूरी की जरूरत के बिना एक प्रोजेक्ट में 5,000 करोड़ रुपये या अपनी नेट वर्थ यानी कुल संपत्ति का 15% (जो भी भविष्य में लागू हो) तक निवेश कर सकती है। किसी भी अन्य महारत्न कंपनी की तरह, HAL को भारत और इंटरनेशनल लेवल पर विलय, अधिग्रहण और रणनीतिक निवेश करने की स्वतंत्रता होगी।
कंपनी का नाम |
महारत्न स्टेटस कब मिला (साल में) |
1. राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (NTPC) | 2010 |
2. तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) | 2010 |
3. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) | 2010 |
4. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) | 2010 |
5. कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) | 2011 |
6. भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) | 2013 |
7. भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (GAIL) | 2013 |
8. भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) | 2013 |
9. पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (POWERGRID) | 2019 |
10. हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) | 2019 |
11. पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) | 2021 |
12. ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (REC) | 2022 |
13. ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) | 2023 |
14. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) | 2024 |