भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कारोबारी पहलुओं पर सरकार ने वैश्विक निवेशकों से बातचीत शुरू की है, जिसके शेयरों में मई में सूचीबद्धता के बाद गिरावट आई है। वित्त मंत्रालय और एलआईसी प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठकें शुरू की हैं, जो अगले कुछ दिन तक चलेंगी।
इसमें पूरी दुनिया के बड़े निवेशक शामिल होंगे। यह बैठक उनकी चिंताओं को समझने और यह बताने के लिए की जा रही है कि संभवतः बाजार शेयरों का मूल्यांकन कम कर रहा है। यह कदम बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी में आगे हिस्सेदारी कम करने के पहले की कवायद हो सकती है।
सरकार का इरादा एलआईसी में 2 प्रतिशत हिस्सेदारी और बेचने का है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसके बारे में कोई भी फैसला अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद ही होगा। इस समय एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी 96.5 प्रतिशत है।
इस मामले से जुड़े सरकार के एक सूत्र ने कहा, ‘हम कई देशों में गैर-सौदा रोडशो आयोजित कर रहे हैं, जिससे कंपनी की सूचीबद्धता पर निवेशकों का फीडबैक लिया जा सके।’ सूत्र ने कहा कि हम अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग में निवेशकों से रूबरू होंगे और बीमा कंपनी के बारे में उनके समग्र विचार जानेंगे। पिछले सप्ताह कुछ बैठकें हुई हैं और कुछ और बैठकें विभिन्न देशों में आने वाले दिनों में होने वाली हैं।
गैर सौदा बैठकें निवेशक से संबंध बनाने की कवायद हैं, जो किसी खास लेन-देन से जुड़ी हुई नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बीमा कंपनी के शेयर बाजार में प्रदर्शन से खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि एलआईसी में आगे हिस्सेदारी बेचने को लेकर कोई फैसला कुछ तिमाहियों के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद किया जाएगा।
एलआईसी के शेयर की कीमत अभी भी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की कीमत से 34 प्रतिशत नीचे है। इस साल अब तक इसके शेयर के दाम 8 प्रतिशत गिरे हैं, जबकि निफ्टी में 4 प्रतिशत तेजी आई है। पिछले साल सरकार ने एलआईसी में 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 20,557 करोड़ रुपये जुटाए थे, जो देश का सबसे बड़ा आईपीओ था।
एलआईसी के शेयर 17 मई 2022 को जो 8.62 प्रतिशत छूट पर 867.20 रुपये प्रति शेयर पर बीएसई में सूचीबद्ध हुए थे, जिनका निर्गम मूल्य 949 रुपये प्रति शेयर था। सरकार ने 22.13 करोड़ शेयरों की बिक्री की। इसे जारी करने कीमत 902 से 949 रुपये प्रति शेयर थी। बहरहाल 12 मई, 2022 को निवेशकों को मूल्य बैंड की ऊपरी कीमत पर शेयर आवंटित किए गए।