राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने गूगल को भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) के एक आदेश पर राहत देने से इनकार कर दिया है। सीसीआई ने अमेरिकी कंपनी गूगल को भारत में अपने कारोबारी ढांचे में बदलाव करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के खिलाफ कंपनी ने एनसीएलएटी में अपील की थी और अंतरिम स्थगन आदेश की गुहार लगाई थी।
हालांकि एनसीएलएटी ने जुर्माने के मामले में गूगल को जरूर राहत दी है। एनसीएलएटी ने गूगल की याचिका स्वीकार कर जुर्माने की राशि 1,330 करोड़ रुपये का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा जमा करने के लिए कहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी।
मामले की सुनवाई के दौरान एनसीएलएटी ने कहा कि गूगल को 60 दिनों की अवधि में सीसीआई के निर्देश का पालन करने के लिए कहा गया था। एनसीएलएटी ने कहा कि गूगल ने इस समय सीमा के आखिरी दिन न्यायाधिकरण में अपील की थी। गूगल को सीसीआई के निर्देशों का पालन करने के लिए तीन महीने का समय है जिसकी अवधि 19 जनवरी को समाप्त हो रही है। यह समय सीमा पूरी होने में अब महज दो हफ्ते रह गए हैं, इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि गूगल इससे पहले शीर्ष न्यायालय में अपील कर सकती है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘सीसीआई के निर्देशों का पालन करने के लिए गूगल को एन्ड्रॉयड मोबाइल फोन से प्री-लोडेड ऐप्लिकेशन हटाने होंगे। सीसीआई के निर्देश की वजह से गूगल को अपने एक दशक पुराने कारोबारी ढांचे में बदलाव करना होगा।’ एनसीएलएटी के निर्णय पर गूगल की तरफ से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई।
मगर एनसीएलएटी ने अन्य कंपनियों द्वारा सीसीआई के आदेश के पक्ष में या खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई नहीं की। माइक्रोमैक्स और जैना प्राइवेट लिमिटेड ने गूगल के पक्ष में याचिकाएं दी हैं, जबकि मैप माई इंडिया, ओएस लैब्स टेक्नोलॉजी ने सीसीआई के निर्देश के पक्ष में याचिकाएं दी हैं।
पिछले साल अक्टूबर में सीसीआई ने कई बाजारों में एन्ड्रॉयड तकनीक आधारित मोबाइल फोन खंड में अपने दबदबे का बेजा इस्तेमाल करने और भारतीय प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम की धारा 6 के उल्लंघन के लिए गूगल पर 1,337.36 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके अलावा सीसीआई ने प्रमुख इंटरनेट कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियां रोकने और बंद करने का निर्देश दिया था।
तकनीकी कंपनियों का कहना है कि सीसीआई क्या देश का बड़ा असर हो सकता है। इन कंपनियों के अनुसार उन्हें एन्ड्रॉयड सिस्टम के प्रमुख फीचर्स में बदलाव करना होगा। भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में गूगल के एन्ड्रॉयड प्लेटफॉर्म का स्मार्टफोन में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। एन्ड्रॉयड प्लेटफॉर्म को केवल ऐपल के ऑपरेटिंग सिस्टम से टक्कर मिल रही है। सीसीआई ने एक बयान में कहा कि गूगल का कई अन्य संबंधित खंडों में भी दबदबा है।