छात्रों के लिए आवास क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी गुड होस्ट स्पेसेज ने अगले दो वर्षों में अपने बिस्तरों की क्षमता को लगभग तीन गुना बढ़ाने की योजना बना रही है। हाल में अमेरिका की निजी इक्विटी फंड मैनेजर वारबर्ग पिंकस ने एचडीएफसी से इस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी थी।
गोल्डमैन सैक्स के निवेश वाली कंपनी के पास मणिपाल यूनिवर्सिटी, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी और शूलिनी यूनिवर्सिटी के साथ करार के तहत 18,000 बिस्तर मौजूद हैं। गुड होस्ट स्पेसेज के मुख्य कार्याधिकारी निमेष ग्रोवर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कंपनी अगले दो वर्षों में बिस्तरों की संख्या को बढ़ाकर 50,000 करने की योजना बना रही है।
ग्रोवर ने कहा, ‘हमारे पास कुछ अनुबंध हैं। हमने कारोबार का विस्तार शुरू कर दिया है।’
हालांकि कंपनी ने 2021 तक 25,000 बिस्तरों की योजना बनाई थी लेकिन वैश्विक महामारी के कारण लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा, ‘हम लॉकडाउन के कारण अधिग्रहण के लिए जांच-परख नहीं कर पाए।’
हालांकि कंपनी अब कारोबार को रफ्तार देने की तैयारी कर रही है।
ग्रोवर ने कहा, ‘कारोबार के विकास के मोर्चे पर हम आक्रामक होने जा रहे हैं। हमने जो काम किया है उसे देखते हुए कई कॉलेज हमसे बात करने के लिए तैयार हैं।’ हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि किन कॉलेजों अथवा विश्वविद्यालयों से उनकी बातचीत चल रही है।
कंपनी में अब वारबर्ग की 31 फीसदी हिस्सेदारी है लेकिन कुछ समय बाद वह अपनी हिस्सेदारी को 50 फीसदी तक बढ़ा सकती है। एचडीएफसी ने 232.81 करोड़ रुपये के एक सौदे के तहत गुड होस्ट में 24.48 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी।
ग्रोवर ने कहा, ‘हमने अपनी परिसंपत्तियों के उन्नयन और अतिरिक्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम किया है क्योंकि साल की दूसरी छमाही में बड़ी तादाद में छात्र आते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने छात्रों और कर्मचारियों को सुरक्षित तरीके से रहने के लिए प्रशिक्षण देने पर भी निवेश किया है।
उदाहरण के लिए, कंपनी ने सातों दिन डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित की है, काउंसलर को प्रशिक्षित किया है और कोविड जांच की सुविधा उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि गुड होस्ट अपनी अधिग्रहण टीम को बढ़ा रही है। उसने मुख्य निवेश अधिकारी नियुक्त किया था और अधिग्रहण में आठ सदस्यों की टीम तैयार की थी।