भले ही जेनेरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जेन एआई) की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है मगर लघु अवधि में इसका असर निराशाजनक हो सकता है। इसकी मुख्य वजह कारोबारों की उम्मीदों और प्रतिभाओं में तालमेल न होना हो सकती है। मैकिंजी ऐंड कंपनी में सीनियर पार्टनर और को-लीड (वैश्विक प्रौद्योगिकी, मीडिया एवं दूरसंचार) नोशिर काका ने कहा, ‘जेन एआई दोधारी तलवार की तरह है और लघु अवधि में यह निराशाजनक होगा।’
नैसकॉम टेक्नोलॉजी लीडरशिप फोरम से इतर बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में काका ने कहा, ‘लघु अवधि में जेनरेटिव एआई (जेन एआई) से निराशा होगी। अभी इसके प्रायोगिक चरण में सभी असीम उत्पादकता देख रहे हैं, लेकिन हम देख रहे हैं कि बहुत कम ही कंपनियां इससे उत्पादन बढ़ाने का फायदा ले पा रही हैं। यह देरी प्रौद्योगिकी के कारण नहीं बल्कि इंसानों के कारण है। इंसानों का सीखना हमेशा प्रौद्योगिकी की गति से धीमा होता है।’
काका ने बताया कि निराशा का एक और बड़ा कारण जेन एआई की संभावनाओं पर अति प्रतिबद्धता होगा। काका ने कहा, ‘ऐसे माहौल में जहां मांग काफी सीमित है, कंपनियां चाहती हैं कि वे बड़े सौदे हासिल करें और ऐसे बड़े सौदे हासिल करने में वे जेन एआई से होने वाली उत्पादकता का लाभ लेना चाहती हैं।
कंपनियां भविष्य की संभावनाओं के आधार पर कीमतें निर्धारित कर रही हैं जबकि यह अभी भी बड़े पैमाने पर काम करने में सक्षम नहीं है। इसलिए लघु अवधि में यह दोधारी तलवार है।’
काका ने कहा कि मूल रूप से एक प्रौद्योगिकी के तौर पर जेन एआई आईटी सेवा कंपनियों के परिचालन मॉडल को बदलने जा रहा है। यह उत्पादकता से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि जेन एआई का प्रभाव इस पर पड़ेगा कि किसी भी कंपनी का प्रबंधन कैसे बात करता है, वहां निर्णय कैसे लिए जाते हैं और अंततः प्रतिभा पर क्या प्रभाव पड़ता है।