बढ़ती महंगाई की वजह से दैनिक उपभोक्ता वस्तु (एफएम सीजी) क्षेत्र में खासी नरमी देखी गई है। कैंटर एफएमसीजी पल्स की नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार केवल शहरी बाजार ही नहीं, बल्कि ग्रामीण बाजार में भी मंदी के संकेत दिख रहे हैं।
कैंटर ने कहा कि अगस्त-अक्टूबर तिमाही के दौरान केवल 4.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि पिछले साल की समान तिमाही में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया, ‘यह पिछली तिमाही यानी जुलाई 2024 में देखी गई 4.5 प्रतिशत (वृद्धि) से थोड़ी सी कम है।’
शहरी क्षेत्र में पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान खासी मंदी देखी गई है। इस क्षेत्र के संबंध में बाजार अनुसंधान कंपनी ने कहा कि इसमें लगातार तीव्र गिरावट दिख रही है। शहरी क्षेत्र में वॉल्यूम वृद्धि 4.5 प्रतिशत रही जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 6.9 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पहली नजर में निश्चित रूप से मंदी है। हालांकि यह भी सच है कि पिछली अवधि में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि के बाद 4.5 प्रतिशत की वृद्धि अत्यंत दुर्लभ है।’ इसमें कहा गया, ‘वास्तव में पिछले पांच वर्षों के दौरान ऐसा केवल साल 2024 की तिमाहियों में ही हुआ है।’
यह मंदी मुख्य रूप से बढ़ती महंगाई के कारण हुई है। साल 2022 की अगस्त-अक्टूबर तिमाही के बाद से प्रति परिवार औसत खर्च में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो इस साल की अक्टूबर तिमाही में बढ़कर 6,761 रुपये तक पहुंच गया है। अक्टूबर तिमाही में एफएमसीजी उत्पादों की औसत कीमत चार रुपये बढ़कर 137 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई जो इस साल की पिछली तिमाही में 133 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘लगातार किसी एक तिमाही में इस तरह की वृद्धि केवल साल 2022 की मुद्रास्फीति अवधि के शुरुआती महीनों के दौरान ही देखी गई थी।’ यह अक्टूबर 2024 में शहरी इलाके में दर्ज किए गए 11.1 प्रतिशत उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) को दर्शाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सीएफपीआई की यह वृद्धि 15 महीने की सबसे अधिक वृद्धि है। निकट भविष्य में खाद्य महंगाई में कमी के कोई संकेत नहीं होने के कारण हम कुछ और समय के लिए मूल्य वृद्धि के कारण मात्रात्मक वृद्धि को कम होते देख सकते हैं।’ इसमें कहा गया, ‘इसके परिणामस्वरूप शहरी क्षेत्रों में मौजूदा स्तरों की तुलना में तेजी से वृद्धि दिखना मुश्किल है। हमें उम्मीद है कि अगले साल की पहली छमाही में भी इसी तरह की वृद्धि जारी रहेगी।’