वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजमर्रा के सामान (एफएमसीजी) की बिक्री तेजी से बढ़ी। मगर इसी दौरान शहरों में उनकी बिक्री की रफ्तार कुछ सुस्त रही। रिटेल कारोबार पर नजर रखने वाली संस्था बिजॉम के अनुसार इस वजह से पूरे वित्त वर्ष में ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री की रफ्तार शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक रही।
ज्यादातर उत्पाद श्रेणियों में स्टॉक अधिक रहा और किराना स्टोरों में गर्मी के उत्पाद ज्यादा से ज्यादा जमा करने पर जोर दिया। इससे चौथी तिमाही में बिक्री के लिहाज से ग्रामीण इलाके शहरों से बाजी मार ले गए। बिजॉम के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री 8.9 प्रतिशत बढ़ी, जबकि शहरी क्षेत्रों में बिक्री 5.5 प्रतिशत बढ़ी। जनवरी-मार्च तिमाही में ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री 16.8 प्रतिशत रही और शहरी क्षेत्र में आंकड़ा 7.9 प्रतिशत अधिक रहा।
महंगाई के कारण मांग प्रभावित होने के बावजूद बिजॉम में प्रमुख (ग्रोथ ऐंड इनसाइट्स) अक्षय डिसूजा ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2023 में त्योहारों के बाद महंगाई के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खर्च करने से हिचकने लगे। मगर चौथी तिमाही में गांवों में मांग तेजी से बढ़ी। इससे वित्त वर्ष में बिक्री में संतोषजनक तेजी हासिल हो गई।’
डिसूजा ने कहा कि 2022 में भीषण गर्मी पड़ने से वित्त वर्ष 2023 में पेय पदार्थों की बिक्री में सर्वाधिक तेजी देखी गई। जिंस उत्पादों की बिक्री भी निरंतर बढ़ती रही है। तीसरी तिमाही से कंपनियों के लिए कीमतें काबू करना आसान हो गयी, जिससे एफएमसीजी क्षेत्र की वृद्धि दर ऊंची रही।
पहली तिमाही में एफएमसीजी कंपनियों का कारोबार काफी मजबूत रहा था। इससे एक साल पहले की तिमाही में कोविड महामारी से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन से बिक्री पर असर हुआ था मगर इसके बाद बदले हालात में मांग बहुत बढ़ गई।
डिसूजा ने कहा, ‘ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष वितरण में 20 प्रतिशत से अधिक तेजी देखी गई। साल भर पहले के मुकाबले यह 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ा और ग्रामीण क्षेत्रों में इन कंपनियों के कारोबार में मजबूती आई। उपभोग के मोर्चे पर चुनौतियों के बावजूद बड़ी एफएमसीजी कंपनियों को कारोबार चमकाने में इससे खासी मदद मिली।’
पारले प्रोडक्ट्स में सीनियर कैटेगरी हेड मयंक शाह ने कहा कि पिछले 4-5 महीनों से मांग में तेजी देखी जा रही है और यह अब भी काफी मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों को रबी फसलों की अच्छी कीमतें मिल रही हैं, जिसका सीधा असर ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत मांग के रूप में दिख रहा है। शाह के अनुसार मांग बढ़ने से एफएमसीजी कंपनियों का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है।
नतीजों से पहले डाबर इंडिया ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों दोनों में मांग पिछली तिमाही के मुकाबले थोड़ी ही बढ़ी है। कंपनी ने अपने तिमाही अपडेट में कहा, ‘शहरी क्षेत्रों में कारोबार में सकारात्मक वृद्धि देखी जा रही है मगर ग्रामीण क्षेत्र का प्रदर्शन अब भी पूरी तरह पटरी पर नहीं आ पाया है। निकट अवधि में उपभोग के मोर्चे पर दबाव के बावजूद कुछ अच्छे संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। महंगाई में नरमी, उपभोक्ताओं की मजबूत होती धारणा और सरकार की तरफ से व्यय बढ़ने से हालात कारोबार के लिए पहले से काफी माकूल हो गए हैं।’
अदाणी विल्मर ने भी कहा कि कीमतें अपने उच्चतम स्तर से कम हुई हैं, जिससे लगता है कि आने वाले समय में मांग बढ़ेगी।