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FAME II सब्सिडी बंद: SMEV ने की 3,000 करोड़ रुपये के फंड की मांग

Last Updated- June 08, 2023 | 11:50 PM IST
Electric 2 Wheelers: Now buying electric two wheeler will be expensive, subsidy cut

सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) वित्त मंत्री के पास गुरुवार को पहुंचे और 3,000 करोड़ रुपये का फंड बनाने का सुझाव दिया। यह फंड इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों खासतौर पर मूल उपकरण निर्माता (OEMs) ऑपरेशन को पुनर्जीवित करने और उन्हें सपोर्ट करने में मदद करेगा। इन कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें जो सब्सिडी मिलनी चाहिए थी, वह बंद कर दी गई है।

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों को सरकार से जो पैसा सब्सिडी के रूप में मिलना था, अभी तक उस पैसे में से 1,200 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं मिले हैं।

SMEV ने कहा, “इंडस्ट्री 18 महीने से फंड का इंतजार कर रही है, हालांकि इस फंड में उन्होंने किसी तरह के ब्याज की मांग नहीं की है।”

बिगड़ती परिस्थितियों के कारण, विभाग ने कुछ मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को ग्राहकों को पैसा वापस करने के लिए मजबूर किया है और दूसरों से सब्सिडी वापस करने के लिए कहा है। भले ही उनका विवाद किसी भी तरह का रहा हो।

सोहिंदर गिल, जो SMEV के महानिदेशक हैं, उन्होंने प्रस्ताव के बारे में बात की और कहा कि सब्सिडी रोकने, पुरानी सब्सिडी का पैसा वापस मांगना, और भविष्य की बिक्री की अनुमति नहीं देना वास्तव में नई कंपनियों और उन लोगों के लिए बुरा रहा है जो पहली बार इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बनाने के बिजनेस में आई हैं। इनमें से कई कंपनियां इन सबकी की वजह से कर्ज में डूब सकती हैं। उनका भविष्य अनिश्चित है, और वे अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे। इसलिए, उनका सुझाव है कि वित्त मंत्रालय को कम से कम अगले एक या दो साल के लिए इन कंपनियों की मदद के लिए एक पुनर्वास फंड बनाना चाहिए।

ईवी इंडस्ट्री ग्रुप ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि जब सब्सिडी कार्यक्रम बंद हो गया तो इससे काफी दिक्कतें हुईं। इससे कंपनियों का काम ठप हो गया, और वे उतने इलेक्ट्रिक वाहन नहीं बेच सके। इससे वाहनों को बेचने वाले डीलरशिप और यहां तक कि ग्राहकों पर भी काफी दबाव पड़ा। इस वजह से कुछ ग्राहकों को अपनी बुकिंग रद्द करनी पड़ी।

SMEV के मुताबिक, अगर हम गंवाए गए दिनों, छूटे हुए अवसरों, बाजार हिस्सेदारी में कमी और रेपुटेशन को नुकसान की गिनती करें, तो नुकसान की कुल रकम 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होगी। यह मोटा-मोटा अनुमान है, जिसका अर्थ है कि यह नुकसान इससे भी ज्यादा हो सकता है।

उन्होंने आगे कहा, बैंक भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं क्योंकि वे उन कंपनियों को लोन नहीं देना चाहते हैं जो उन्हें वापस भुगतान करने में असमर्थ हैं। इससे कंपनियों और बैंकों दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं।

SMEV ने वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर यह तय करने का सुझाव दिया है कि इस फंड की स्थापना कैसे की जानी चाहिए। उन्होंने दो विकल्प प्रस्तावित किए हैं: या तो फंड सीधे कंपनियों को अनुदान के रूप में पैसा दे सकता है, या यह कंपनियों को बैंकों से लोन लेने में मदद करने के लिए गारंटी के रूप में काम कर सकता है।

ईवी इंडस्ट्री ग्रुप का मानना है कि इस सुझाव से ईवी क्षेत्र की उन कंपनियों को उबारने में मदद मिलेगी जो काफी समस्याओं का सामना कर रही हैं। यह दुनिया भर के निवेशकों को भी दिखाएगा कि सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

First Published - June 8, 2023 | 7:58 PM IST

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