अशोक लीलैंड की बसों और ट्रकों का प्रमुख निर्यात बाजार में स्थिरता का माहौल है। कंपनी को उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों के दौरान निर्यात वॉल्यूम में दमदार वृद्धि जारी रहेगी। कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
रूस-यूक्रेन संघर्ष और इजरायल-गाजा संकट जैसे मौजूदा युद्धों के कारण भू-राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ गई है, जिससे वैश्विक अस्थिरता पैदा हो रही है। अमेरिका और चीन जैसी प्रमुख शक्तियों के बीच तनाव, व्यापार पर नए शुल्क की बाधाएं अंतरराष्ट्रीय संबंधों को और ज्यादा तनावपूर्ण बना रही हैं।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अशोक लीलैंड ने 4,151 गाड़ियों का निर्यात किया और सालाना आधार पर 33 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया। कंपनी ने तीसरी तिमाही के दौरान समेकित शुद्ध लाभ में 820 करोड़ रुपये के साथ 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
जब उनसे मौजूदा भू-राजनीतिक उथल-पुथल के निर्यात पर असर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, ‘जिन देशों में हम काम कर रहे हैं, खास तौर पर जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) में,वहां अधिकतम वृद्धि देखी जा रही है और वहां काफी स्थिरता है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि इसका गंभीर असर होगा, खास तौर पर यूएई और सऊदी अरब में। वे काफी बड़े बाजार हैं। हम अफ्रीकी बाजारों के कुछ हिस्सों में हैं और हम दक्षेस बाजार में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश हमारे लिए बहुत दमदार बाजार रहे हैं। हालांकि बांग्लादेश में सरकार में बदलाव के कारण मंदी आई थी। लेकिन हमारे अनुमानों की तुलना में अब वहां बाजार फिर से सुधर रहा है। इसलिए इस साल हम अंतरराष्ट्रीय परिचालन में काफी मजबूत वृद्धि देख रहे हैं। हम अपने बाजारों में जो नए मॉडल पेश कर रहे हैं, उनके आधार पर हमें लगता है कि यह संख्या अगले साल और आने वाले सालों में और बढ़ेगी।’ उन्होंने कहा कि यात्री बसों की मांग जोरदार है।
उन्होंने कहा, ‘हर राज्य सरकार लगातार बसों की खरीद कर रही हैं। इसलिए बसों की ऑर्डर बुक न केवल हमारे लिए बल्कि हमारे प्रतिस्पर्धियों के लिए भी काफी दमदार है।’ हिंदुजा ने कहा इस वित्त वर्ष की तुलना में चीजें काफी बेहतर दिखने लगी हैं और चौथी तिमाही इसकी अच्छी झलक है।