दिल्ली में मौसम का मिजाज बदलने लगा है और तापमान बढ़ रहा है। बढ़ते तापमान के साथ दिल्ली में बिजली की मांग में भी बढ़ोतरी हो रही है। इस बार गर्मियों में बिजली की मांग में जबरदस्त इजाफा होने का अनुमान है। इस साल बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड बन सकता है।
बीएसईएस डिस्कॉम के मुताबिक इन गर्मियों में बिजली खपत के पिछले सारे रिकॉर्ड होने का अनुमान है। इस बार राजधानी दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड बढ़कर 9000 मेगावाट पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। पिछले साल सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 8656 मेगावाट पहुंच गई थी। इससे पहले कभी भी दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 8000 मेगावाट नहीं हुई थी।
बीआरपीएल क्षेत्र में पिछले साल बिजली की पीक डिमांड 3809 मेगावाट थी, जबकि 2023 में यह 3250 मेगावॉट थी। इस साल 2025 की गर्मियों में बीआरपीएल में बिजली की मांग 4050 मेगावाट पहुंचने की संभावना है। बीवाईपीएल की बात करें, तो पिछले साल इस क्षेत्र में बिजली की पीक डिमांड 1882 मेगावाट पहुंची थी, जबकि 2023 में यह 1670 मेगावाट दर्ज की गई थी। इस साल की गर्मियों में बीवाईपीएल में बिजली की मांग 1900 मेगावाट के आंकड़े को छू सकती है।
बीएसईएस डिस्कॉम के एक अधिकारी ने बताया कि उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए बीएसईएस ने लंबी अवधि के समझौतों के तहत बिजली की पर्याप्त व्यवस्था कर ली है।
पारंपरिक पावर प्लांटों से मिल रही बिजली के अलावा, बीएसईएस को लगभग 2100 मेगावाट अक्षय ऊर्जा मिलेगी। सौर ऊर्जा के प्लांटों से बीएसईएस को 888 मेगावाट सौर ऊर्जा मिलेगी। हाइड्रो पावर प्लांटों से 546 मेगावाट बिजली मिलेगी। 500 मेगावाट विंड पावर मिलेगा।
इसके अतिरिक्त, कचरे से बनने वाली 40 मेगावाट बिजली भी बीएसईएस को उपलब्ध होगी। बीएसईएस क्षेत्र में उपभोक्ताओं के घरों की छतों पर लगे रूफटॉप सोलर पैनलों से भी 197 मेगावाट बिजली बीएसईएस को मिलेगी। इसके अलावा, पावर बैंकिंग के माध्यम से भी बीएसईएस को 500 मेगावाट तक बिजली मिलेगी।
बिजली की मांग का लगभग सटीक अनुमान लगाने के लिए डिस्कॉम अत्याधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल कर रही है। इसके लिए, लोड फोरकास्टिंग सिस्टम के अलावा मॉडलिंग तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है। बीएसईएस एडवांस्ड स्टैटिस्टिकल फोरकास्टिंग मॉडल्स, अत्याधुनिक वेदर फोरकास्टिंग सोल्यूशंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर रही है। इसमें आईएमडी-पॉस्को द्वारा उपलब्ध कराई गई विशेषज्ञता का भी उपयोग किया जा रहा है।
बिजली की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए बीएसईएस ने अपने नेटवर्क को भी अपग्रेड किया है। बिजली की मांग का सटीक अनुमान लगाने के लिए बीएसईएस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की भी मदद ले रही है। इन तकनीकों के इस्तेमाल से बिजली की मांग का लगभग सटीक अनुमान लगाकर उपभोक्ताओं को बिजली की सुचारू आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।
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