Electric Vehicle Policy: इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विनिर्माताओं का रुख केंद्र की अनौपचारिक सब्सिडी योजना के प्रति फीका रहा है। क्षेत्र की बड़ी कंपनियां इस योजना में कम प्रोत्साहन से बहुत उत्साहित नहीं हैं, जिसने प्रमुख योजना – फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक (ऐंड हाइब्रिड) व्हीकल्स-2 की जगह ले ली है। कई मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) सब्सिडी का दावा करने में बढ़ती सख्ती और आवंटन में देरी का हवाला देते हैं।
उनका कहना है कि ये चीजें संभावित रूप से उन्हें प्रोत्साहन के प्रति हतोत्साहित करेंगी। भारी उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक चार महीने के लिए 500 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024 की घोषणा की है।
एक अग्रणी इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हम जानते थे कि सरकार के पास ईवी के लिए पैसा नहीं है। अगर सब्सिडी केवल चार महीने के लिए है तो हमें धीमी वृद्धि को स्वीकार करना होगा और बाजार में अधिक प्रीमियम श्रेणी के लिए बढ़ना होगा क्योंकि हमें अपनी मौजूदगी के लिए मार्जिन हासिल करना होगा। इसलिए आपको कम वॉल्यूम, धीमी वृद्धि और ज्यादा प्रीमियम नजर आएगा क्योंकि अच्छी गुणवत्ता वाले दोपहिया वाहन की लागत एक लाख रुपये होती है।’ लेकिन अगर सब्सिडी जारी रहती है तो साल 2025 में उद्योग में अच्छी वृद्धि देखने को मिलेगी।
अधिकारी ने यह भी बताया कि घरेलू मूल्य संवर्धन के सख्त कायदों और कठोर नियमों की वजह से पीएलआई प्रोत्साहन मिलना आसान नहीं है। ऐसा लगता है कि उद्योग गैर-सब्सिडी पर आधारित विकास की ओर बढ़ रहा है। दीर्घावधि में यही सबसे अच्छा लग रहा है। लेकिन अन्य लोगों का कहना है कि पीएलआई के तहत 13 से 16 प्रतिशत प्रोत्साहन नई योजना से सब्सिडी के असर को बेअसर कर सकता है और वृद्धि पर असर शायद उतना गंभीर न हो। इलेक्ट्रिक बाइक विनिर्माताओं के लिए यह असर और ज्यादा हो सकता है।
सरकार ने ई-दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी की अधिकतम सीमा पहले के 22,500 रुपये से घटाकर 10,000 रुपये प्रति वाहन और ई-तिपहिया वाहनों के लिए 1,11,505 रुपये से घटाकर 50,000 रुपये कर दी है। ई-रिक्शा के लिए सब्सिडी की अधिकतम सीमा 25,000 रुपये है। एक इलेक्ट्रिक बाइक कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी का कहना है कि यह बात काफी स्पष्ट है कि बाइक का वॉल्यूम और नवाचार अब कुछ वर्षों के लिए पिछड़ जाएगा। ज्यादातर कंपनियां मैदान में बने रहने के लिए 100 सीसी के बराबर वाली बाइक बनाएंगी लेकिन 150 सीसी के बराबर वाली बाइक अब चुनौतीपूर्ण लगती है।