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हाल में उड़ानों के संकट से जूझने वाली विमानन कंपनी इंडिगो के खिलाफ दर्ज शिकायतों के आधार पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने जांच करने का फैसला किया है। आयोग के एक बयान में कहा गया है, ‘विमानन क्षेत्र में विभिन्न मार्गों पर हाल ही में उड़ानों की अफरा-तफरी के मामले में इंडिगो के खिलाफ दर्ज शिकायतों का प्रतिस्पर्धा आयोग ने संज्ञान लिया है।’ प्रतिस्पर्धा नियामक के बयान में कहा गया है कि शुरुआती आकलन के आधार पर आयोग ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2022 के प्रावधानों के मुताबिक मामले में आगे कार्यवाही करने का फैसला किया है।
प्रतिस्पर्धा आयोग प्राप्त जानकारी के आधार पर शुरुआती जांच करता है और निष्कर्षों के आधार पर महानिदेशक कार्यालय को औपचारिक जांच शुरू करने के लिए कहता है। प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 4 दबदबे वाली स्थिति के दुरुपयोग को रोकती है। अधिनियम दबदबे को अपने से प्रतिबंधित नहीं करता है, लेकिन अनुचित या ललचाऊ कीमत निर्धारण के माध्यम से ऐसी स्थिति का फायदा उठाने पर आयोग दंड लगा सकता है।
किंग स्टब ऐंड कासिवा, एडवोकेट्स ऐंड अटॉर्नीज में पार्टनर अनिकेत घोष ने कहा, ‘चूंकि शिकायत दर्ज की गई है। इसलिए प्रतिस्पर्धा आयोग को पहले देखना होगा कि क्या इंडिगो की भूमिका की महानिदेशक से विस्तृत जांच की आवश्यकता है…। वह इंडिगो की एयरपोर्ट स्लॉट तक पहुंच, उसके आकार और बाजार में उपस्थिति जैसे कारकों पर विचार करेगा। साथ ही विमानन क्षेत्र की व्यावहारिक वास्तविकताओं को भी ध्यान में रखेगा, जिनमें रूट-स्तर पर प्रतिस्पर्धा, परिचालन की ऊंची लागत और तीव्र मूल्य दबाव शामिल हैं।’
नवंबर में लागू सख्त सुरक्षा मानदंडों के लिए तैयार न होने के कारण इंडिगो ने देश भर में हजारों उड़ानें रद्द कर दी थीं। व्यवधान 5 दिसंबर को सबसे ज्यादा बढ़ गया था, जिसके बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई।
इंडिगो ने 1 से 9 दिसंबर के बीच 4,200 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं। यह संकट विमानन कंपनी की पायलट ड्यूटी रोस्टर का प्रबंध करने में असमर्थ रहने के कारण पैदा हुआ, क्योंकि पिछले महीने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नए, सख्ती के साथ विश्राम और ड्यूटी नियमों को पूरी तरह से लागू कर दिया था। इससे साप्ताहिक विश्राम की आवश्यकताएं बढ़ गईं और पायलटों के रात्रि उड़ान भरने के घंटे कम हो गए। संशोधित विश्राम और ड्यूटी आवश्यकताओं के लिए अपर्याप्त तैयारी के लिए इंडिगो की आलोचना हुई, जिसके कारण उसे विमानों को खड़ा करना पड़ा और लोगों की यात्रा योजनाओं में बाधा हुई।
संकट से पहले विमानन कंपनी रोजाना करीब 2,300 उड़ानें संचालित करती थी, जिनमें लगभग 2,000 घरेलू और 300 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शामिल थीं।
9 दिसंबर को डीजीसीए ने इंडिगो को परिचालन को स्थिर करने में मदद के लिए पूरे शीतकालीन सत्र के लिए अपनी घरेलू उड़ानों में 10 फीसदी कटौती करने को कहा। 10 दिसंबर को विमानन कंपनी ने अपने शीतकालीन शेड्यूल में कटौती करने के बाद तीसरी तिमाही के लिए अपनी क्षमता और प्रति यात्री राजस्व अनुमान को कम कर दिया।