इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री चालू वित्त वर्ष में लक्ष्य के काफी कम रह सकती है। वित्त वर्ष 2022-23 समाप्त होने में एक महीने से थोड़ा ही अधिक समय शेष रह गया है मगर इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री तय लक्ष्य का केवल 62 प्रतिशत ही हो पाई है।
नीति आयोग ने चालू वित्त वर्ष में 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री का लक्ष्य रखा था। वाहन पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 20 फरवरी तक देश में 6,15,624 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई थी। वाहन पोर्टल पर अपडेटेड आंकड़ों के अनुसार 21 फरवरी तक यह संख्या बढ़कर 6,20,006 हो गई।
हालांकि, पिछले वित्त वर्ष से तुलना करें तो इस वित्त वर्ष इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में 146 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वित्त वर्ष बिक्री का आंकड़ा 2,49,62 रहा था। वित्त वर्ष 2021 की तुलना में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में 13 गुना बढ़ोतरी दर्ज हुई।
चालू वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में कई तरह की दिक्कतें आई हैं। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की घटनाओं से ग्राहकों के मन में डर पैदा हो गया जिसका सीधा असर बिक्री पर हुआ। इसके अलावा विनिर्माण से फेम 2 से जुड़े नियमों के उल्लंघन के आरोप में कई इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियां सरकार के निशाने पर आ गई थीं। सितंबर तक आपूर्ति तंत्र बाधित रहने से उनकी परेशानी और बढ़ गई।
हालांकि, जहां तक वित्त वर्ष 2024 का सवाल है तो इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन उद्योग का रुख आशावादी लग रहा है। सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स व्हीक्ल्स (एसएमईवी) के महानिदेशक एवं हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिंदर गिल का कहना है कि फेम 2 से जुड़ी सब्सिडी का मामला जल्द निपटने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘जहां तक मांग का प्रश्न है तो इसमें कोई नरमी नहीं आई है। मगर मौजूदा स्थिति में देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री का लक्ष्य हासिल करने के लिए ओइएम, नीति निर्धारकों आदि सभी को एक साथ काम करने की जरूरत है। हम इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की मांग को लेकर काफी उत्साहित हैं और अप्रैल से बिक्री में निरंतर तेजी दिखेगी।‘
गिल ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में 23 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री का लक्ष्य है। यह आंकड़ा चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य से 3 गुना अधिक है। दोपहिया वाहनों के लिए वित्त मुहैया करने वाली कंपनी ओटीओ के सीईओ ने कहा कि इस वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री का लक्ष्य हासिल किया जा सकता था।
उन्होंने कहा, ‘पहली तिमाही में आपूर्त तंत्र में बाधा आने से सितंबर तक मांग सुस्त रही। इसके अलावा फेम 2 का नवीकरण विचाराधीन रहने से भी कुछ इलेक्ट्रिक वाहन ब्रांड के लिए वित्त मुहैया नहीं हो पाया। इन दोनों कारणों की वजह से बिक्री लक्ष्य के अनुरूप नहीं रही।‘
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कीमतें बढ़ने से भी बिक्री पर असर हुआ। फेम सब्सिडी रुकने से वाहनों की कीमतों बढ़ोतरी से ग्राहक छिटकने लगे। ज्यादातर इलेक्ट्रिक दोपहिया विनिर्तमाताओं ने पूर्व में प्राप्त सब्सिडी के अनुपात में अपने वाहनों की कीमतों में इजाफा कर दिया था।
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एक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इन वाहनों में अचानक आग लगने की घटनाओं से भी बिक्री पर प्रतिकूल असर हुआ। ऐसी घटनाओं के बाद ओला इलेक्ट्रिक को अपने 1,441 एस1 प्रो स्कूटर्स बाजार से वापस लेने पड़े। इसी तरह, ओकीनावा ऑटोटेक को 3,215 और हैदराबाद स्थित पावर यूजिंग रीन्यूएबल एनर्जी को 2,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर बाजार से वापस मंगाने पड़े।
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन कंपनी जीटी फोर्स के सीईओ राजेश सैत्य ने कहा कि अप्रैल से सभी दिक्कतें संभवतः दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि कंपनियां नई बैटरियों की जांच कर रही हैं जो सुरक्षा संबंधी चिंताएं दूर कर देंगी।