भारत की सरकारी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने उन कंपनियों व कारोबारियों के लिए कोयले की ई-नीलामी की विशेष श्रेणी की पेशकश की है, जो अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए कोयले का आयात करते हैं। यह कोयले का आयात शून्य पर लाने की सरकार की घोषणा के मुताबिक है।
सीआईएल ने कहा है कि अगर किसी कोयला खरीदार ने चालू या पिछले दो वित्तीय वर्षों में कोयले का आयात किया है तो वह ई-नीलामी के इस नए प्रारूप में हिस्सा लेने के लिए पात्र होगा।
सड़क परिवहन का इस्तेमाल करने वाली कंपनी के लिए बोली की न्यूनतम मात्रा 25,000 टन हो गई है। रेल परिवहन का इस्तेमाल करने वाले के लिए यह 50,000 टन है, जो 12 रैक के बराबर होता है। एक रैक 59 रेल वैगन के बराबर होता है।
कंपनी ने कहा कि अगर ग्राहकों को और ज्यादा की जररूरत हो तो वह बढ़ी मात्रा के लिए बोली लगा सकते हैं। सीआईएल के एक अधिकारी ने कहा, ‘यह कदम आत्मनिर्भर भारत योजना के मुताबिक सरकार की ओर से कोयला आयात पर निर्भरता की कवायद घटाने की दिशा में उठाया गया है। इससे हमारी कोयला कंपनियों को बिक्री बढ़ाने के लिए नए ग्राहक मिलेंगे।’
एमएसटीसी लिमिटेड और एम जंक्शन सर्विसेज लिमिटेड की वेबसाइट पर ई-नीलामी होगी। अधिकारी ने कहा कि सीआईएल जल्द ही अगस्त 2020 से मार्च 2021 अवधि के लिए नीलामी कैलेंडर जारी करेगा।
कंपनी अधिकारी ने कहा कि सीआईएल आयातित कोयले का विकल्प पेश करने और अपनी आपूर्ति के लिए मिशन मोड में है।
सीआईएल के अधिकारी ने कहा, ‘इस प्रक्रिया में कंपनी ने घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्रों और गैर बिजली क्षेत्र के ग्राहकों को चिह्नित किया है, जो स्पंज आयरन, सीमेंट, कैप्टिव बिजली उत्पादक, उर्वरक, स्टील व अन्य क्षेत्र से हैं और कोयले का आयात कर रहे हैं। इस क्षेत्र के ग्राहकों ने करीब 15 करोड़ टन कोयले का आयात पिछले वित्त वर्ष के दौरान किया था।’
