भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने फिर से भारत में परिचालन करने या भारतीय हवाईक्षेत्र में उड़ान भरने वाली विदेशी विमानन कंपनियों से सीधे बिल की वसूली और नेविगेशन शुल्क लेना शुरू कर दिया है।
प्राधिकरण ने यह कदम कनाडा और स्विट्ïजरलैंड में देवास मध्यस्थता मामले में अदालत के आदेश के संदर्भ में उठाया है। देवास मध्यस्थता मामले में एएआई की तरफ से इंटनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) द्वारा एएआई की 2.9 करोड़ डॉलर से अधिक की बकाया राशि जब्त किया गई थी।
हवाई नेविगेशन सेवा प्रदाता के तौर पर एएआई घरेलू और विदेशी विमानन कंपनियों से देश के भीतर उड़ानों, भारत आने और भारत से जाने वाली उड़ानों और भारतीय हवाईक्षेत्र में उड़ाने भरने वाली कंपनियों से नेविगेशन शुल्क वसूलता है।
घरेलू विमानन कंपनियां सीधे एएआई को शुल्कों का भुगतान करती हैं। 2007 से आईएटीए विदेशी विमानन कंपनियों से ओवरफ्लाइट शुल्कों की वसूली कर रहा है। एक समय के बाद यह प्रक्रिया स्वचालित हो गई है और हवाई यातायात से जुड़े आंकड़े आईएटीए के साथ साझा किए जाते हैं ताकि प्रक्रिया को आसान और दोषमुक्त बनाया जा सके।
प्राधिकरण के प्रवक्ता ने कहा, ‘एएआई ने 1 अप्रैल से विदेशी परिचालकों का बिल करना और उनसे वसूली शुरू कर दी है। संग्रह एएआई के बैंक खाते के माध्यम से होगा और ऐसा एएआई के हित को सुरक्षित करने के लिए किया गया है।’
आईएटीए ने एक ईमेल में कहा, ‘एक ओर जहां हम एएआई के निर्णय से निराश है वहीं इस बात को समझते हैं और इसका सम्मान करते हैं। हम एएआई के साथ संपर्क बनाए रखेंगे और साझा हितों के अन्य क्षेत्रों में सहयोग करेंगे।’विदेशी विमानन कंपनियों से बकाया वसूली शुरू
अनीश फडणीस
मुंबई
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने फिर से भारत में परिचालन करने या भारतीय हवाईक्षेत्र में उड़ान भरने वाली विदेशी विमानन कंपनियों से सीधे बिल की वसूली और नेविगेशन शुल्क लेना शुरू कर दिया है।
प्राधिकरण ने यह कदम कनाडा और स्विट्ïजरलैंड में देवास मध्यस्थता मामले में अदालत के आदेश के संदर्भ में उठाया है। देवास मध्यस्थता मामले में एएआई की तरफ से इंटनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) द्वारा एएआई की 2.9 करोड़ डॉलर से अधिक की बकाया राशि जब्त किया गई थी।
हवाई नेविगेशन सेवा प्रदाता के तौर पर एएआई घरेलू और विदेशी विमानन कंपनियों से देश के भीतर उड़ानों, भारत आने और भारत से जाने वाली उड़ानों और भारतीय हवाईक्षेत्र में उड़ाने भरने वाली कंपनियों से नेविगेशन शुल्क वसूलता है।
घरेलू विमानन कंपनियां सीधे एएआई को शुल्कों का भुगतान करती हैं। 2007 से आईएटीए विदेशी विमानन कंपनियों से ओवरफ्लाइट शुल्कों की वसूली कर रहा है। एक समय के बाद यह प्रक्रिया स्वचालित हो गई है और हवाई यातायात से जुड़े आंकड़े आईएटीए के साथ साझा किए जाते हैं ताकि प्रक्रिया को आसान और दोषमुक्त बनाया जा सके।
प्राधिकरण के प्रवक्ता ने कहा, ‘एएआई ने 1 अप्रैल से विदेशी परिचालकों का बिल करना और उनसे वसूली शुरू कर दी है। संग्रह एएआई के बैंक खाते के माध्यम से होगा और ऐसा एएआई के हित को सुरक्षित करने के लिए किया गया है।’
आईएटीए ने एक ईमेल में कहा, ‘एक ओर जहां हम एएआई के निर्णय से निराश है वहीं इस बात को समझते हैं और इसका सम्मान करते हैं। हम एएआई के साथ संपर्क बनाए रखेंगे और साझा हितों के अन्य क्षेत्रों में सहयोग करेंगे।’