नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देश के भीतर उड़ान भरने वाली विमानन कंपनियों से उन रास्तों पर जायज किराया वसूलने को कहा है, जिन पर गो फर्स्ट की उड़ानें बंद हुई हैं। मंत्री ने तत्काल टिकट बुक कराने पर किराये में भारी बढ़ोतरी देखकर विमानन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज बैठक की और उसके बाद यह निर्देश जारी किया गया।
विमानन कंपनियों से यह भी कहा गया है कि वे उन मार्गों पर किराये काबू में रखें, जिन पर आपदा के कारण मांग ज्यादा है। विमानन कंपनियों को बालासोर ट्रेन दुर्घटना में जान गंवाने वालों के शव बिना किराया ले जाने के लिए भी कहा गया है।
आज की बैठक में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के अधिकारियों ने लेह, गोवा और अहमदाबाद जैसे मार्गों पर हवाई किराये में हो रही वृद्धि के बारे में खास तौर पर अपना विश्लेषण प्रस्तुत किया। सिंधिया ने भी हवाई किराये बढ़ने पर चिंता जताई और विमानन कंपनियों से खुद ही उन पर नजर रखने को कहा। गो फर्स्ट की उड़ानें बंद होने के बाद कुछ मार्गों पर हवाई किरायों में एकाएक जबरदस्त बढ़ोतरी हो गई है। इस पर चिंता जताते हुए सिंधिया ने कंपनियों से कहा कि वे किराये पर खुद ही काबू करें।
मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा है, ‘ RBD (रिजर्वेशन बुकिंग डेजिग्नेटर) को ऊंचा रखते हुए भी कंपनियां कुछ ऐसा कर सकती हैं कि किराया वाजिब ही रहे। DGCA इस पर नजर रखेगा।’ RBD किराये के स्लैब होते हैं, जिनका इस्तेमाल विमानन कंपनियां अपना राजस्व संभालने के लिए करती हैं।
गो फर्स्ट ने अपने बेड़े के 28 विमान ठप पड़ने के बाद पैदा हुई नकदी की किल्लत के कारण 2 मई को काम कुछ समय के लिऐ बंद कर दिया था। इससे पहले रोजाना उसकी करीब 200 उड़ानों से 25 से 30 हजार यात्री सफर करते थे। गो फर्स्ट के शीर्ष 5 मार्गों में दिल्ली-श्रीनगर, दिल्ली-लेह, दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-पुणे शामिल हैं।
ऑनलाइन पोर्टल इक्सिगो के आंकड़ों के अनुसार, देश के सबसे व्यस्त हवाई मार्ग दिल्ली-मुंबई के लिए तत्काल टिकट का किराया 1 जून को 18,000 रुपये से अधिक यानी तीन गुना था। आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली-श्रीनगर मार्ग पर भी किराया 1 मई के मुकाबले 80 फीसदी बढा है और दिल्ली-पुणे मार्ग पर हवाई किराया करीब तीन गुना बढ़ गया है।
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विमानन कंपनियों ने मंत्रालय के निर्देश पर फौरन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मगर अधिकारियों ने बताया कि विमानन कंपनियां सरकारी निर्देश का पालन करेगी।
एक विमानन कंपनी के अधिकारी ने कहा, ‘श्रीनगर मार्ग पर मांग बढ़ी रहेगी क्योंकि 1 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है। मगर कुल मांग घटेगी क्योंकि पश्चिम भारत में जून के मध्य और उत्तर भारत में जून के अंत तक स्कूल-कॉलेज खुल जाते हैं। इससे किराये में तेजी पर खुद ही लगाम लग जाएगी।’
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एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘गो फर्स्ट की सेवाएं बंद होने के कारण हमें 15 से 30 दिनों के लिए अस्थायी तौर पर स्लॉट दिए गए हैं। हम चाहते हैं कि कम से कम तीन महीने के लिए स्लॉट मिलें। श्रीनगर और लेह जैसे मार्गों पर उड़ान के लिए सीटें आसानी से भर जाती हैं मगर अन्य मार्गों पर टिकट बेचने के लिए हमें लंबा समय चाहिए होगा।’