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एयरलाइन उद्योग पर टैक्स नहीं लगता, ऐसा सोचना गलत है: IATA

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भाषा   
Last Updated- June 05, 2023 | 3:57 PM IST

अंतरराष्ट्रीय विमानन क्षेत्र पर टैक्स नहीं लगने की दलीलों को खारिज करते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (IATA) ने कहा है कि करीब सात अरब अंतरराष्ट्रीय उड़ान टिकटों के विश्लेषण से पता चलता है कि एयरलाइन कंपनियों ने टैक्स और फीस में 380 अरब डॉलर का भुगतान किया है।

IATA 300 से ज्यादा एयरलाइंस का समूह है। इनमें भारतीय विमानन कंपनियां भी शामिल हैं। यहां IATA की सालाना आम बैठक (AGM) को संबोधित करते हुए इसके महानिदेशक विली वॉल्श ने कहा कि यह तर्क कि अंतरराष्ट्रीय विमानन पर टैक्स नहीं लगता है, सही नहीं है। उन्होंने कहा, “हमने 2018 से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की करीब करीब सात अरब टिकटों के आंकड़े का विश्लेषण किया, जिससे पता चलता है कि एयरलाइन कंपनियों ने टैक्स और फीस में 380 अरब डॉलर से ज्यादा का भुगतान किया है, जो कि टिकट की कीमत का 33 प्रतिशत से ज्यादा है।”

वॉल्श ने कहा कि अगर इसमें हम घरेलू उड़ानों को भी शामिल कर लेंगे तो 380 अरब डॉलर का आंकड़ा 500 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि नीति बनाने वाले तथ्यों को देखें, सिर्फ कल्पना के आधार पर बात नहीं करें। वॉल्श ने कहा कि कोरोनो वायरस महामारी से प्रभावित होने के बाद अब एयरलाइन उद्योग मुनाफे में पहुंच रहा है। हालांकि, मुनाफे का मार्जिन काफी कम है।

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उन्होंने कहा कि 803 अरब डॉलर की कुल कमाई के साथ एयरलाइंस का नेट मुनाफा इस साल 9.8 अरब डॉलर रहेगा। दूसरे नजरिये से देखें, तो एयरलाइंस को एक यात्री पर औसतन 2.25 डॉलर मिलेंगे। यह रकम काफी कम है।

First Published : June 5, 2023 | 3:57 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)