मार्केट रेगुलेटर सेबी ने आईपीओ नियमों में ढील दी है। इससे शेयर बाजार में लिस्ट होने की इच्छा रखने वाली स्टार्टअप कंपनियों के फाउंडर्स को बड़ी राहत मिली है। नए नियमों के तहत, अब उन्हें आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) दस्तावेज दाखिल करने से कम से कम एक साल पहले दिए गए कर्मचारी शेयर विकल्प (ESOPs) को बनाए रखने की अनुमति दी गई है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को एक नोटिफिकेशन में कहा, ”कोई कर्मचारी, जो ‘प्रमोटर’ या ‘प्रमोटर ग्रुप’ के सदस्य के रूप में पहचाना जाता है, और जिसे मसौदा दस्तावेज दाखिल करने से कम से कम एक साल पहले किसी भी योजना के तहत विकल्प, एसएआर (स्टॉक एप्रिसिएशन राइट्स) या कोई अन्य लाभ दिया गया था, वह ऐसे विकल्प, एसएआर या किसी अन्य लाभ को बनाए रखने और उसका प्रयोग करने का पात्र होगा।”
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नए नियम से उन फाउंडर्स को सुविधा होगी, जिन्हें दस्तावेजों का मसौदा दाखिल करने से कम से कम एक साल पहले ESOPs मिले थे। मौजूदा नियमों के तहत, प्रमोटर ESOPs सहित शेयर आधारित लाभ पाने के लिए अपात्र हैं।
(PTI इनपुट के साथ)