दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) को आदेश दिया है कि वह रिलायंस इन्फ्रा की इकाई दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) को 2017 के मध्यस्थ न्यायाधिकरण के फैसले के मुताबिक एक माह के भीतर ब्याज सहित भुगतान करे। न्यायालय ने DMRC से यह भी कहा है कि वह मेट्रो के दोनों शेयरधारकों (केंद्र और दिल्ली सरकार) से 2 सप्ताह के भीतर बकाये के भुगतान के लिए अनुमति ले।
फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कहा, ‘केंद्रीय मंत्रालय (आवास एवं शहरी विकास) और जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार) DMRC के संप्रभु गारंटी के अधीन आने वाले ऋण के अनुरोध पर तुरंत ध्यान दे, जिससे वह न्यायाधिकरण के आदेश के मुताबिक देनदारी खत्म करने में सक्षम हो सके। इसके लिए आज से 2 सप्ताह के भीतर निश्चित रूप से अनुमति ली जानी चाहिए। अगर DMRC को अनुमति मिल जाती है तो वह पंचाट के फैसले के मुताबिक भुगतान की जाने वाली पूरी राशि ब्याज सहित एक माह के भीतर देगा।’
न्यायालय ने कहा है कि अगर केंद्रीय मंत्रालय या जीएनसीटीडी सॉवरिन गारंटी या सॉवरिन सबार्डिनेट ऋण उपलब्ध कराने से इनकार कर देते हैं तो केंद्रीय मंत्रालय 2 सप्ताह के बाद DMRC से 10 मार्च के बाद मिली सभी राशि पंचाट के फैसले के भुगतान के लिए दिया जाए।
पिछले साल DMRC द्वारा दिए गए जवाब के मुताबिक भारत सरकार को मई 2022 के पहले सप्ताह में DMRC से 1,546.84 करोड़ रुपये मिले। इसी तरह दिल्ली सरकार को 1,216.84 करोड़ रुपये मिले। नोएडा मेट्रो को 245.53 करोड़ रुपये और पटना मेट्रो को 123 करोड़ रुपये मिले थे।