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पुराना मार्जिन ही दे HUL, नए ढांचे पर वितरकों के संगठन ने जताया कड़ा विरोध

संगठन ने इस मामले पर विस्तार से चर्चा के लिए HUL के साथ बैठक करने के लिए भी कहा है।

Last Updated- January 05, 2024 | 10:55 PM IST
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हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) द्वारा अपनी आपूर्ति श्रृंखला में नया मार्जिन ढांचा लागू करने के बाद वितरक संगठन – ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीबयूटर्स फेडरेशन (एआईसीपीडीएफ) ने कंपनी को पत्र लिखकर कहा है कि उसके वितरक आधार मार्जिन से किसी भी कटौती का कड़ा विरोध करते हैं और यह उनके बुनियादी वजूद के लिए महत्वपूर्ण है। पत्र में कहा गया है ‘इसलिए हम जोरदार तरीके से पिछला मार्जिन ढांचा बहाल करने की मांग करते हैं।’

बिजनेस स्टैंडर्ड ने उस पत्र की प्रति देखी है, जिसे वितरक संघ ने दैनिक उपभोक्ता वस्तु (एफएमसीजी) क्षेत्र की दिग्गज को को भेजा है।

पत्र में आगे कहा गया है ‘पिछले दशक के दौरान औसत बिक्री वृद्धि के चुनौतीपूर्ण परिदृश्य को देखते हुए कारोबार परिचालन का प्रबंधन करना बेहद मुश्किल हो गया है। इसलिए एआईसीपीडीएफ अपने वितरक समुदाय की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए स्थिर बुनियादी मार्जिन बनाए रखने की पुरजोर वकालत करता है।’ संगठन ने इस मामले पर विस्तार से चर्चा के लिए एचयूएल के साथ बैठक करने के लिए भी कहा है।

वितरक संगठन के पत्र में यह भी कहा गया है ‘हमें जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) और वितरकों के मूल मार्जिन के बिना बिल में कटौती वाली योजनाओं और छूटों के बारे में शिकायतें मिली हैं, जिससे जीएसटी में आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का
खासा इजाफा हो रहा और कार्यशील पूंजी अवरुद्ध हो रही है।’

इसमें सॉफ्टवेयर इस्तेमाल के शुल्कों की ओर भी इशारा किया गया है। यह वितरकों के स्टॉक के स्तर पर नजर रखता है, जो प्रति माह 4,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये प्रति तक होता है और कंपनी से इन शुल्कों पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है कि इससे उनके कारोबारों की व्यावहारिकता पर असर पड़ता है।

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बिजनेस स्टैंडर्ड के सवाल के जवाब में एचयूएल ने कहा ‘हम अपने वितरकों को अच्छा प्रतिफल अर्जित करने का अवसर प्रदान करते हुए सामान्य व्यापारिक स्टोरों में सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हमेशा वाणिज्यिक मॉडल पर विचार कर रहे हैं, इसलिए, यह दोनों पक्षों के लिए अच्छा है।’

इसमें कहा गया है ‘यह प्रगतिशील और वितरक-समावेशी प्रारूप किराना और पड़ोस के अन्य स्टोरों – एमएसएमई की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो तेजी से बदलते माहौल में भारतीय एफएमसीजी उद्योग का आधार हैं।

यह संपूर्ण सेवा दक्षता में सुधार करता है और हमारे वितरकों को अधिक कमाई की संभावना प्रदान करता है। वास्तव में हमने 100 से अधिक शहरों में इसे शुरू करने से पहले पिछले एक साल में अपने वितरकों के साथ इस दृष्टिकोण का अनुकूल परीक्षण
किया है।’

First Published - January 5, 2024 | 10:55 PM IST

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