अपने बेवरेज कंसंट्रेट के लिए प्रसिद्ध रसना (Rasna) को गर्मी के इस सीजन में वर्ष 2018-2019 के मुकाबले वॉल्यूम में दो अंकों का इजाफा होने की उम्मीद है और इसलिए कंपनी के कारखाने पूरी क्षमता से चल रहे हैं। बेवरेज क्षेत्र की इस दिग्गज को रमजान (Ramadan) की मांग का भी फायदा मिल रहा है।
रसना के चेयरमैन पिरोज खंबाटा (Piruz Khambatta) ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘हमारे सभी कारखाने पूरी क्षमता पर चल रहे हैं और मैं इस परेशानी से जूझ रहा हूं कि स्टॉक रखने वाली 3-4 इकाइयों का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। ज्यादा मांग की वजह से ऐसा है।’ खंबाटा ने यह भी कहा कि कंपनी को वॉल्यूम के मुकाबले ज्यादा वैल्यू ग्रोथ दिख रही है।
वर्ष 2021 में कोविड (Covid) की वजह से लॉकडाउन (Lockdown) के कारण बिक्री पर असर पड़ा था, इसलिए कम आधार की वजह से रसना को वर्ष 2022 की गर्मियों के सीजन में मजबूत मांग नजर आई थी। वर्ष 2022 की तुलना में मांग वृद्धि कम है।
उन्होंने कहा कि छोटे शहरों से मांग अधिक है और उसके उत्पादों की ग्रामीण मांग भी मजबूत है। अपने उत्पादों की अधिक मांग के कारण कंपनी 100 करोड़ रुपये के अन्य निवेश के साथ अपनी क्षमता में 30 से 40 फीसदी तक का और विस्तार कर रही है।
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खंबाटा ने कहा कि चूंकि कोविड के वर्षों के दौरान मांग पर असर पड़ा था, इसलिए वह उन वर्षों के दौरान क्षमता विस्तार करने में सक्षम नहीं थी। खंबाटा ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्ट ड्रिंक कंसंट्रेट विनिर्माता हर वर्ष तकरीब चार से पांच अरब गिलास पेय का उत्पादन करती है। इसने अपने निर्यात में और अधिक अफ्रीकी देशों को भी जोड़ा है।
वर्तमान में कंपनी का 30 फीसदी राजस्व 60 से अधिक देशों के निर्यात से मिल रहा है। घरेलू बाजार में रसना की 80 फीसदी मांग प्राइस पैक से मिल रही है, जो 100 रुपये से कम है। शेष मांग अधिक दाम वाले पैक से मिल रही है, जिनकी बिक्री आधुनिक कारोबार और ई-कॉमर्स चैनल पर की जाती है। इन चैनलों में अधिक दाम वाले उत्पादों की मांग ज्यादा होती है।