निफ्टी-500 की कंपनियों के निदेशक मंडल में हाल के वर्षों में सुस्त बढ़ोतरी देखी गई है। मुंबई मुख्यालय वाली फर्म इंस्टिट््यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज की रिपोर्ट इंडियन बोर्ड्स : स्ट्रक्चर ऐंड ब्रेड्थ में कहा गया है कि साल 2018 में कुल निदेशकों की संख्या 4,813 थी, जो 2020 में घटकर 4,559 रह गई। यह फर्म गवर्नेंस के मसले पर निवेशकों को सलाह देती है।
जिन कंपनियों के निदेशक मंडल में सदस्योंं की औसत संख्या में गिरावट देखने को मिली उनमें बहुराष्ट्रीय कंपनियां, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां और संस्थानों की तरफ से नियंत्रित फर्में शामिल हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियोंं की अगुआई में स्वतंत्र निदेशकों की घटी संख्या ने अहम भूमिका निभाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई कंपनियां अभी भी रिक्त स्थान नहीं भर पाई हैं। साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निदेशक मंडल में 133 स्वतंत्र निदेशक कम थे। साथ ही दोनों वर्षों में ऐसी कंपनियों की संख्या 72 थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि निफ्टी 500 में जिन कंपनियों को शामिल किया जाता है उनमें हुए बदलाव ने भी इसमें योगदान किया।
रिपोर्ट में कहा गया है, हाल के समय में नियमन ने कंपनी के निदेशक मंडलों को ज्यादा स्वतंत्र बनाया है। कंपनी के निदेशक मंडल से निवेशकों के बदले कंपनी के कामकाज पर नजर रखने की उम्मीद की जाती है। इसमें कहा गया है, उम्मीद है कि बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों की पर्याप्त संख्या से सुनिश्चित होगा कि व्यापक स्तर पर चर्चा हुई और उसमें कई नजरिये का ध्यान रखा गया। साथ ही बिना किसी पक्षपात और सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए गए, जिनमें अल्पांश शेयरधारक शामिल हैं।