facebookmetapixel
टूट गई बादशाहत: 14 साल बाद क्यों Infosys और HCLTech से पिछड़ी TCSमहाराष्ट्र में रबी फसलों की बोआई धीमी, अब तक सिर्फ 9.14 लाख हेक्टेयर में हुई खेती; किसान चिंतितकचरे से कमाई का नया दौर: रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री को असंगठित से संगठित उद्योग बनाने की कवायद शुरूडिफेंस पेंशनर्स के लिए SPARSH पोर्टल: अब घर बैठे देखें अपना PPO और पेंशन डिटेल्स सिर्फ एक क्लिक मेंFlexi Cap Funds फिर बना इक्विटी का किंग, अक्टूबर में निवेश बढ़कर ₹8,929 करोड़, AUM रिकॉर्ड ₹5.34 लाख करोड़Tata Motors Q2 Results: Q2 में ₹867 करोड़ का नुकसान, पर आय बढ़कर ₹18,491 करोड़ पर पहुंचाफैमिली पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव: कर्मचारियों के माता-पिता को 75% पेंशन लेने के लिए अब यह करना जरूरीछोटे लोन पर ‘उचित ब्याज दर’ रखें MFIs, 30-35 करोड़ युवा अब भी बैंकिंग सिस्टम से बाहर: सचिव नागराजूQ3 में तेजी से सुधरा वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर, मांग 64% बढ़ी; मुंबई और कोलकाता का प्रदर्शन शानदारIncome Tax: रिवाइज्ड IT रिटर्न क्या है, जिसे आप कैलेंडर ईयर के अंत तक फाइल कर सकते हैं

टेलीकॉम : प्री–पेड टैरिफ में कटौती से घट सकता है लाभ

Last Updated- December 05, 2022 | 10:04 PM IST

इस साल की शुरुआत में प्रीपेड के टैरिफ में की गई भारी कटौती का टेलीकॉम ऑपरेटरों की कमाई पर असर पड़ सकता है, जो मार्च 2008 की तिमाही में दिखेगा।


इस सेक्टर के बड़े खिलाड़ियों की कमाई की ग्रोथ मार्च 2008 की तिमाही में 5-6 फीसदी के बीच रह सकती है जबकि उससे पहले की तिमाहियो में यह ग्रोथ 7-10 फीसदी केबीच रही है।


हालांकि टैरिफ में कमी का मिनट्स ऑफ यूसेज (यानी जितने समय के लिए उनकी सेवा का इस्तेमाल हुआ हो)में ज्यादा इजाफा होने की उम्मीद नहीं है क्योकि उद्योग के लोगों का मानना है कि टैरिफ का असर पड़ने में कुछ समय लग सकता है। धीरे धीरे इस मिनट्स ऑफ यूसेज में 1-1.5 फीसदी का इजाफा आएगा, जैसा कि दिसंबर 2007 की तिमाही में हुआ था, जब बडे ख़िलाड़ियों के लिए यह 375-475 मिनट के बीच था।


बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए प्रति यूसर यानी उपभोक्ता औसत कमाई जो 260 रुपए से 380 रुपए के बीच थी ज्यादा नहीं गिरनी चाहिए। इसमें पिछली तिमाही की तुलना में 3-4 फीसदी की कमी आ सकती है। दिसंबर 2007 की तिमाही में इन ऑपरेटर्स का रेवन्यू प्रति मिनट करीब 75 पैसे का था, इसमें भी आउटगोइंग कॉल्स की दरों में कमी की वजह से गिरावट आ सकती है।


चौथी तिमाही में इन ऑपरेटर्स के उपभोक्ताओं में 260 लाख सब्सक्राइबर बढ़ने के बावजूद भारती एयरटेल, रिलायंस कम्युनिकेशंस और आइडिया सेल्यूलर के रेवन्यू में 5-6 फीसदी की ग्रोथ देखी जा सकती है। जबकि इनके ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 6-7 फीसदी की ग्रोथ देखी जा सकती है।


आरकॉम और भारती जैसे इंटेग्रेटेड प्रोवाइडरों को इनकमिंग आईएलडी से डॉलर के रूप में होने वाली कमाई, बैंडविड्थ और डाटा बिक्री से ज्यादा फायदा मिलेगा लेकिन विदेशी मुद्रा के उतार चढ़ाव से इनके शुध्द मुनाफे में बहुत ज्यादा फर्क पड़ने की गुंजाइश नहीं है।

First Published - April 18, 2008 | 11:49 PM IST

संबंधित पोस्ट