facebookmetapixel
Share Market Today: साल 2025 के आखिरी कारोबारी दिन कैसी रहेगी बाजार का चाल? GIFT निफ्टी सपाट; एशियाई बाजारों में गिरावटStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड में

टेलीकॉम : प्री–पेड टैरिफ में कटौती से घट सकता है लाभ

Last Updated- December 05, 2022 | 10:04 PM IST

इस साल की शुरुआत में प्रीपेड के टैरिफ में की गई भारी कटौती का टेलीकॉम ऑपरेटरों की कमाई पर असर पड़ सकता है, जो मार्च 2008 की तिमाही में दिखेगा।


इस सेक्टर के बड़े खिलाड़ियों की कमाई की ग्रोथ मार्च 2008 की तिमाही में 5-6 फीसदी के बीच रह सकती है जबकि उससे पहले की तिमाहियो में यह ग्रोथ 7-10 फीसदी केबीच रही है।


हालांकि टैरिफ में कमी का मिनट्स ऑफ यूसेज (यानी जितने समय के लिए उनकी सेवा का इस्तेमाल हुआ हो)में ज्यादा इजाफा होने की उम्मीद नहीं है क्योकि उद्योग के लोगों का मानना है कि टैरिफ का असर पड़ने में कुछ समय लग सकता है। धीरे धीरे इस मिनट्स ऑफ यूसेज में 1-1.5 फीसदी का इजाफा आएगा, जैसा कि दिसंबर 2007 की तिमाही में हुआ था, जब बडे ख़िलाड़ियों के लिए यह 375-475 मिनट के बीच था।


बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए प्रति यूसर यानी उपभोक्ता औसत कमाई जो 260 रुपए से 380 रुपए के बीच थी ज्यादा नहीं गिरनी चाहिए। इसमें पिछली तिमाही की तुलना में 3-4 फीसदी की कमी आ सकती है। दिसंबर 2007 की तिमाही में इन ऑपरेटर्स का रेवन्यू प्रति मिनट करीब 75 पैसे का था, इसमें भी आउटगोइंग कॉल्स की दरों में कमी की वजह से गिरावट आ सकती है।


चौथी तिमाही में इन ऑपरेटर्स के उपभोक्ताओं में 260 लाख सब्सक्राइबर बढ़ने के बावजूद भारती एयरटेल, रिलायंस कम्युनिकेशंस और आइडिया सेल्यूलर के रेवन्यू में 5-6 फीसदी की ग्रोथ देखी जा सकती है। जबकि इनके ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 6-7 फीसदी की ग्रोथ देखी जा सकती है।


आरकॉम और भारती जैसे इंटेग्रेटेड प्रोवाइडरों को इनकमिंग आईएलडी से डॉलर के रूप में होने वाली कमाई, बैंडविड्थ और डाटा बिक्री से ज्यादा फायदा मिलेगा लेकिन विदेशी मुद्रा के उतार चढ़ाव से इनके शुध्द मुनाफे में बहुत ज्यादा फर्क पड़ने की गुंजाइश नहीं है।

First Published - April 18, 2008 | 11:49 PM IST

संबंधित पोस्ट