इस साल सबसे अधिक गर्मी पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में विशेष रूप से उन लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा जो खुले आकाश के नीचे कड़ी धूप जैसी कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। विनिर्माण इकाइयों से लेकर डिलिवरी नेटवर्क तक विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कंपनियां अभी से आने वाले कठिन समय से निपटने के इंतजाम में लग गई हैं। वे अपने कार्यबल को भीषण गर्मी के दौरान होने वाले डिहाइड्रेशन और थकान आदि जोखिम से बचाने को कई उपाय लागू कर रही हैं।
स्टील विनिर्माण जैसे उद्योगों में अत्यधिक तापमान दैनिक कार्यों का हिस्सा है। ऐसे में यहां गर्मी से बचाव के उपाय और प्रबंधन करना जरूरी होता है। टाटा स्टील के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी में गर्मी और धूप से बचाव के लिए मानकों के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्पष्ट आंतरिक दिशानिर्देश बने हुए हैं। इनमें ठंडे पानी की उपलब्धता, छायादार विश्राम क्षेत्र और निर्धारित हाइड्रेशन ब्रेक आदि शामिल हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि हर साल गर्मियों से पहले और सीजन के बीच में भी इन दिशानिर्देशों का ऑडिट किया जाता है, ताकि समय के साथ आने वाली कमियों को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि उनके संयंत्रों में कार्यों की योजना इस तरह बनाई जाती है ताकि कर्मचारियों को सीधे धूप में काम न करना पड़े या इसके कम से कम संपर्क में आएं। प्रवक्ता ने कहा, ‘खुले में होने वाले सभी कार्यों को इस तरह निर्धारित किया जाता है कि कर्मचारी दिन की कड़ी धूप से बच जाएं या ठंडे घंटों में अधिक से अधिक काम निकाल लें, ताकि उन्हें आराम के लिए पर्याप्त समय मिल सके।’
विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली आईटीसी ने कहा कि वह प्रत्येक स्थान की जरूरत के हिसाब से एवं काम की प्रकृति के अनुसार काम की रणनीति तैयार करती है। कंपनी के कारखानों में हाइड्रेशन स्टेशन बने हुए हैं। वह अपने कर्मचारियों के लिए समय-समय पर सलाह और जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करती है। आईटीसी प्रवक्ता ने कहा कि गर्मियों में आवश्यकता के अनुसार बाहरी परियोजनाओं यानी धूप में किए जाने वाले कामों के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी के घंटे भी बदल दिए जाते हैं।
हीरो रियल्टी के मुख्य कार्याधिकारी रोहित किशोर ने माना कि निर्माण कार्यों पर हीटवेव का खासा असर पड़ता है। अत्यधिक गर्मी न केवल परियोजना के पूरे होने की समय-सीमा, बल्कि श्रमिकों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए कंपनी हाइड्रेशन पॉइंट स्थापित करने पर विचार कर रही है। इसके अलावा, धूप के संपर्क को कम करने के लिए काम के घंटों में बदलाव करने के साथ सुरक्षात्मक उपाय भी किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘श्रमिकों और साइट कर्मचारियों को गर्मी से होने वाली शारीरिक दिक्कतों को पहचानने और उनसे बचाव के उपाय करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। परिसरों में पेशेवरों द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की जाती है, जो उन्हें हाइड्रेटेड और सुरक्षित रहने के बारे में बताते हैं।’
एन्सेम्बल इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडिया में एमडी और सीईओ विकास राठौड़ ने बताया कि गर्मी और धूप से बचाव के लिए अभी से तैयारी की जा रही है। इसमें कर्मचारियों को इलेक्ट्रोलाइट पेय उपलब्ध कराने, दिन में काम वाली साइटों पर पोर्टेबल शेड और टेंट लगाने तथा कूलर और पंखों से लैस छायादार विश्राम स्थल बनाने की रूपरेखा बनाई गई है। कर्मचारियों को हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए जागरूकता सत्र भी इसमें शामिल है। जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा है, ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स कंपनियों की चिंता भी बढ़ रही है। कई कंपनियों ने कहा कि वे अपनी डिलीवरी टीमों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सावधानी बरत रही हैं।
जेप्टो ने अपने एक बयान में कहा, ‘प्रत्येक ऑर्डर के बाद डिलिवरी पार्टनर कंपनी के डार्क स्टोर्स पर लौटते हैं, जहां उनके लिए विश्राम करने के लिए जगह, साफ-स्वच्छ शौचालय, पीने के पानी और हल्के-फुल्के नाश्ते की सुविधा होती है।’ लिंक्डइन पोस्ट में जेप्टो के मुख्य परिचालन अधिकारी विकास शर्मा ने एक लाख से अधिक डिलिवरी कर्मियों को हाइड्रेशन सप्लीमेंट वितरित करने के लिए स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन और हेल्थ सप्लीमेंट ब्रांड फास्टऐंडअप इंडिया के साथ साझेदारी का उल्लेख किया। इटरनल (पूर्व में जोमैटो) ने कहा कि उसने अपने गिग कर्मचारियों को गर्मी से बचाने के लिए 2,500 से अधिक स्थानों पर ‘शेल्टर प्रोजेक्ट’ के तहत सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। इनमें पीने का पानी, मोबाइल चार्जिंग स्टेशन और शौचालयों से लैस विश्राम स्थल हैं।