बजाज ऑटो के इलेक्ट्रिक वाहन (EV) व्यवसाय अर्बनाइट के अध्यक्ष एरिक वास ने कहा कि इलेक्ट्रिक दोपहिया उद्योग के लिए सेमीकंडक्टर चिप आपूर्ति भले ही सामान्य हो गई है, लेकिन इनकी कीमतों में महामारी से पहले की अवधि के मुकाबले करीब 50 प्रतिशत तक की तेजी आई है।
उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘आपूर्ति में अच्छा सुधार आया है। यह काफी सामान्य हुई है। समस्या लागत को लेकर है। लागत काफी ऊंची बनी हुई है। उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष के दौरान लागत में भी गिरावट आनी शुरू हो जाएगी।’
उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए, महामारी-पूर्व अवधि में यदि कीमतें चिप की निर्धारित आपूर्ति के लिए 100 रुपये थी, तो आज आपको समान आपूर्ति के लिए 150 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।’
उनसे जब पूछा गया कि क्या कीमतों में 50 प्रतिशत वृद्धि ज्यादा है, तो उन्होंने कहा, ‘हां। लेकिन कम से कम आपको चिप मिल रहे हैं।’
बजाज ऑटो मौजूदा समय में सिर्फ इलेक्ट्रिक स्कूटर (चेतक) की बिक्री करती है। कंपनी द्वारा घरेलू तौर पर बेचे गए ईवी की संख्या हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी है। 2020-21 में बजाज ने 1,395 ईवी बेचे, और यह संख्या उसके बाद के वर्ष में बढ़कर 8,187 हो गई। सायम के आंकड़े से पता चलता है कि 2022-23 में, कंपनी ने 36,263 वाहन बेचे।
पिछले दो साल में, पूरे वाहन उद्योग ने चिप आपूर्ति के संबंध में सेमीकंडक्टर निर्माताओं के साथ मिलकर काम किया था। वास ने कहा, ‘वे हमारी मांग के अनुरूप काम कर रह हैं। वे उसी के हिसाब से आपूर्ति करने में सक्षम हैं। कीमतें ऊंची हैं।’
उन्होंने कहा कि कंपनी के पूरे देश में 88 शहरों में मौजूदा समय में 105 चेतक डीलरशिप हैं। 6 महीनों के अंदर, कंपनी ने 120 शहरों में 150 चेतक डीलरशिप की योजना बनाई है।
बजाज वित्त वर्ष 2023 में अपने EV व्यवसाय के लिए ज्यादा तकनीशियनों को प्रशिक्षित करने का प्रयास कर रही है। वास ने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में करीब 1,000 तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया है, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 280 था।
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वास ने कहा, ‘हमें इस वित्त वर्ष ज्यादा संख्या में टेक्नीशियन को प्रशिक्षण देने की जरूरत होगी, क्योंकि हम न सिर्फअपना नेटवर्क बढ़ा रहे हैं बल्कि उद्योग में बड़े बदलाव की तैयारी में भी लगे हुए हैं।’
सभी टेक्नीशियन को कंपनी के पुणे संयंत्र में प्रशिक्षित किया जा रहा है, क्योंकि वे यहां प्रशिक्षण लेंगे तो बजाज उन्हें यह दिखाना चाहेगी कि ये वाहन कैसे बनते हैं। उन्होंने कहा, ‘इससे हमें बड़े लक्ष्य को समझने में मदद मिली है। यह एक महंगी प्रक्रिया है, लेकिन मेरा मानना है कि यह खर्च जरूरी है जो हमारे विकास के चरण में चुकाना जरूरी है।’
उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग में हमेशा से कर्मचारियों का आना-जाना लगा रहा है।