रोजमर्रा के इस्तेमाल का सामान बनाने वाली (FMCG) कंपनियों ने अंतरिम बजट की घोषणाओं पर खुशी जताई है। उद्योग का कहना है कि अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक प्रोत्साहनों (long-term push for the economy ) से उपभोग और समावेशी विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। उपभोक्ता वस्तुएं बनाने वाली कंपनियों का मानना है कि बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय (Capex) आवंटन से दीर्घावधि के हिसाब से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इससे आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा।
डाबर इंडिया में मुख्य कार्याधिकारी (CEO) मोहित मल्होत्रा ने बजट के बाद एक बयान में कहा, ‘लोकलुभावन कदमों को बढ़ावा न देते हुए बजट में बुनियादी ढांचे (infrastructure) के विकास के लिए जरूरी आवंटन किया गया है। इससे ग्रामीण आवास, कृषि और मत्स्य पालन को प्रोत्साहन मिलेगा। ग्रामीण आबादी, खासकर महिलाओं को प्रोत्साहन देने के रणनीतिक फैसले से बहुत सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है। इससे दीर्घावधि के हिसाब से धारणाओं में बदलाव आएगा।’
मल्होत्रा ने कहा कि आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) से आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल कवरेज का विस्तार करने और लखपति दीदी योजना (Lakhpati Didi scheme) को 3 करोड़ महिलाओं तक पहुंचाने का लक्ष्य इस साल का बड़ा सकारात्मक कदम है। इससे ग्रामीण महिलाओं को दीर्घावधि के हिसाब से शक्ति मिलेगी और ग्रामीण इलाकों में जीवन स्तर में सुधार होगा। इससे ब्रांडेड उपभोक्ता वस्तुओं का टिकाऊ विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
अदाणी विल्मर (Adani Wilmar) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (MD&CEO) अंशु मलिक ने भी कहा कि सरकार के अंतरिम बजट के प्रस्ताव समावेशी और टिकाऊ विकास का मार्ग प्रशस्त करने वाले हैं।
मलिक ने कहा, ‘कुल मिलाकर बजट ने समग्र विकास की नींव रखी है, जो सबका विश्वास की दिशा में ले जाएगा। अगले 5 साल में अभूतपूर्व विकास के वादे हैं, जो 2047 तक विकसित भारत के सपनों को हकीकत में बदलने की ओर ले जाएगा।’
होटल से लेकर सिगरेट का कारोबार करने वाली दिग्गज ITC के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (MD) संजीव पुरी ने कहा कि सार्वजनिक खर्च बढ़ाने का प्रस्ताव सराहनीय है। राजकोषीय विवेक (astute fiscal prudence) और करों में स्थिरता के साथ महंगाई दर के प्रबंधन और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के साथ इससे सार्वजनिक धन का बेहतर उपयोग और लक्ष्य के मुताबिक काम को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्यों में सुधारों को प्रोत्साहन दिए जाने से अर्थव्यवस्था की क्षमता का और विस्तार होगा।
खपत (consumption) को लेकर पुरी ने कहा, ‘किसानों के कल्याण पर प्रमुख रूप से ध्यान दिए जाने, इंटीग्रेटेड एक्वा पार्कों (integrated aqua parks) की स्थापना, डेरी किसानों को सहायता के साथ कृषि एवं ग्रामीण विकास की दूरगामी योजनाओं, आवास, महिला सशक्तीकरण, युवा और हाशिये पर खड़े समाज को उत्पादकता, आमदनी, खपत, निवेश और आजीविका के चक्र में शामिल किया जा सकेगा।’
मार्केट रिसर्च फर्म एनआईक्यू (पहले नील्सनआईक्यू के नाम से जानी जाती थी) के कंज्यूमर सक्सेस के प्रमुख रूजवेल्ट डिसूजा ने कहा कि आवास, शिक्षा, पर्यटन और ऋण योजनाओं के माध्यम से जीवन स्तर में सुधार के साथ-साथ ग्राहकों पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे उद्योगों की प्रगति होगी।
रिटेल इंटेलिजेंस फर्म बिजोम (Bizom) के मुख्य विकास अधिकारी, अक्षय डिसूजा ने कहा कि बजट पिछले वर्षों की उनकी अपनी विकास दृष्टि के अनुरूप रहा है।
डिसूजा ने कहा, ‘पूंजीगत खर्च (CAPEX) में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करने से मौजूदा बुनियादी ढांचा मजबूत होगा और इससे ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में उत्पादन और रोजगार सृजन की संभावनाएं बढ़ेंगी।’
उन्होंने कहा, ‘FMCG सेक्टर खासकर खाद्य क्षेत्र को अनुकूल समर्थन मिला है। तिलहन में आत्मनिर्भरता के लिए रणनीति बनी है। इससे खाद्य तेल की कीमतों और खपत के तरीके पर असर पड़ सकता है। इस योजना में ग्रामीण भारत में मुफ्त खाद्यान्न और रोजगार के अवसरों की पेशकश की गई है, जिससे खर्च करने योग्य आमदनी बढ़ेगी और विवेकाधीन उत्पादों पर व्यय को बढ़ावा मिलेगा।’
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर अंतरिम बजट, 2047 तक विकसित भारत बनाने के दृष्टिकोण के मुताबिक है, जिसमें समावेशी विकास और टिकाऊ वृद्धि पर जोर है।