बायोकॉन लिमिटेड के निदेशक मंडल की शनिवार, 6 दिसंबर को बैठक होनी है। इसमें दो ऐसे खास प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा, जो कंपनी के कॉर्पोरेट ढांचे और वैश्विक रणनीतिक को पूरी तरह से बदल सकते हैं। इसके मुख्य कार्यक्रम के तहत अपनी बायोसिमिलर शाखा पर नियंत्रण को मजबूत करने और विस्तार के लिए दीर्घकालिक पूंजी हासिल करने पर ध्यान देना है। बायोकॉन के निदेशक मंडल की बैठक में दो मुख्य प्रस्ताव बड़े रणनीतिक बदलाव को दर्शाते हैं। पहला प्रस्ताव है गैर-सूचीबद्ध सहायक कंपनी बायोकॉन बायोलॉजिक्स लिमिटेड (बीबीएल) में रणनीतिक निवेश।
बायोकॉन बीबीएल के मौजूदा शेयरधारकों से शेयर खरीदने की योजना बना रही है या तो नकदी के जरिये या उन्हें तरजीह आवंटन में बायोकॉन के नए इक्विटी शेयर जारी करके। दूसरा प्रस्ताव रकम जुटाने की योजना से संबंधित है। कंपनी क्यूआईपी (पात्र संस्थागत नियोजन), राइट्स इश्यू या एफपीओ (अनुवर्ती सार्वजनिक पेशकश) जैसे बाजार के विभिन्न तरीकों के जरिये वाणिज्यिक पत्र या इक्विटी प्रतिभूति जारी करके पूंजी जुटाने की मंजूरी चाह रही है। इन दोनों प्रस्तावों के लिए नियामक और शेयरधारकों की मंजूरी जरूरी होगी। बायोकॉन के निदेशक मंडल की इस आगामी बैठक के कार्यक्रम में सबसे अहम प्रस्ताव इसके तेजी से बढ़ते बायोसिमिलर कारोबार बायोकॉन बायोलॉजिक्स लिमिटेड (बीबीएल) पर नियंत्रण मजबूत करने का रणनीतिक कदम है।
मूल कंपनी बीबीएल के शेयरधारकों (जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज, ट्रू नॉर्थ और टाटा कैपिटल जैसे अल्पांश निवेशक शामिल हैं) से प्रतिभूतियां खरीदकर गैर-सूचीबद्ध सहायक कंपनी में अपने स्वामित्व की हिस्सेदारी में खासा इजाफा करना चाहती है। यह लेनदेन या तो नकद भुगतान करके या फिर शेयरों की अदला-बदली वाले तरीके का इस्तेमाल करके पूरा करने की योजना है, जिसमें बीबीएल के शेयरधारकों को तरजीह आधार पर बायोकॉन के पूरी तरह से भुगतान वाले इक्विटी शेयर मिलेंगे, जिससे मुख्य सहायक कंपनी का स्वामित्व वास्तव में मुख्य सूचीबद्ध कंपनी में वापस मिल जाएगा।
बायोकॉन बायोलॉजिक्स के लगभग 4.5 अरब डॉलर के आंतरिक मूल्यांकन के लिहाज से इस कदम की समीक्षा किया जा रहा है। खरीद के इस विचार को नकद भुगतान और/या तरजीह आवंटन के आधार पर पूरी तरह से भुगतान किए गए बायोकॉन के इक्विटी शेयर जारी करके (शेयरों की अदला-बदली) के जरिये अमली जामा पहनाया जा सकता है।
दूसरा प्रस्ताव कंपनी के लिए पूंजी जुटाने की व्यापक योजना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके पास भविष्य के लिए जरूरी वित्तीय ताकत है। निदेशक मंडल वाणिज्यिक पत्र या इक्विटी शेयर जैसे साधनों का उपयोग करके धन जुटाने की योजनाओं को मंजूरी दे सकता है। इसमें बाजार के विभिन्न तरीके शामिल हैं जैसे क्यूआईपी, राइट्स इश्यू अथवा एक या अधिक किश्तों में एफपीओके जरिये।