ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज खरीदने की दौड़ में निजी इक्विटी फर्म क्रिसकैपिटल शामिल हो गई है और उसने इस सौदे के लिए बाध्यकारी पेशकश की है। बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि इस सौदे की लागत करीब 7,000 करोड़ रुपये होगी। डिटरजेंट से रसायन की निर्माता निरमा और सेखमेट फार्मावेंचर्स ने भी सोमवार को इस कंपनी के लिए अपनी बोलियां सौंपी हैं।
बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स का बोर्ड जल्द ही इस बिक्री पर निर्णय लेगा और प्राप्त होने वाली रकम का इस्तेमाल 2,904 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने में किया जाएगा। क्रिसकैपिटल के अधिकारियों से फिलहाल इस संबंध में प्रतिक्रिया हासिल नहीं की जा सकी है। निरमा, सेखमेट और ग्लेनमार्क ने भी इस संबंध में भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया है।
एक अधिकारी ने बताया कि सभी बोलीदाताओं ने अपनी पेशकशों के वित्त पोषण के लिए यूरोपीय और जापानी बैंकों से हाथ मिलाए हैं। इस साल जून में, क्रिसकैपिटल ने 10,350 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर एचडीएफसी क्रेडिला में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। वर्ष 1999 में स्थापित, क्रिसकैपिटल 9 फंडों के जरिये 5 अरब डॉलर का प्रबंधन करती है और वह देश में प्रख्यात निवेश कंपनियों में से एक है।
ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज का शेयर मंगलवार को 5 प्रतिशत गिरकर 638 रुपये पर बंद हुआ और उसका कुल बाजार पूंजीकरण 7,824 करोड़ रुपये रहा। एक बैंक कर्मी ने बताया कि तीन बोलीदाताओं में, निरमा ने ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज के लिए बड़ी बोली लगाई है, क्योंकि यह कंपनी हेल्थकेयर को अगले मुख्य फोकस एरिया के तौर पर देख रही है। इस साल अप्रैल में, निरमा समूह ने स्टेरिकन फार्मा का अधिग्रहण 350 करोड़ रुपये में किया था। स्टेरिकन फार्मा आई ड्रॉप और कॉन्ट्रैक्ट लेंस बनाती है।