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Jane Street vs Sebi: मार्केट मैनिपुलेशन मामले में SAT की सुनवाई आज से शुरू

SEBI ने जुलाई में जेन स्ट्रीट के ​खिलाफ हाई-स्टेक अंतरिम आदेश किया था, जिसमें फर्म पर मार्केट मैनिपुलेशन का आरोप लगाया गया था

Last Updated- September 09, 2025 | 11:56 AM IST
Jane Street
Representational Image

US ट्रेडिंग फर्म Jane Street Group LLC की ओर से SEBI के खिलाफ दायर मामले में सिक्युरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में मंगलवार (9 सितंबर) से सुनवाई से शुरू हो रही है। इस मामले की सुनवाई SAT की तीन-न्यायाधीशों वाली पीठ ज​स्टिस पीएस दिनेश कुमार की अध्यक्षता में होगी। दरअसल, सेबी ने जुलाई में जेन स्ट्रीट के ​खिलाफ हाई-स्टेक अंतरिम आदेश किया था, जिसमें फर्म पर मार्केट मैनिपुलेशन का आरोप लगाया गया था और भारत में ट्रेडिंग करने से रोक दिया गया था। इसके बाद फर्म ने ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था।

आज क्या होगा 

  • SAT यह तय करेगी कि Jane Street का SEBI के अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील स्वीकार की जाए या नहीं।
  • फर्म का कहना है कि उसे सही बचाव पेश करने के लिए आवश्यक अहम दस्तावेजों तक पहुंच नहीं दी गई।
  • Jane Street सुनवाई के दौरान जांच पर रोक लगाने की भी मांग कर सकती है, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि ट्रिब्यूनल अब तक SEBI की कार्रवाई को कैसे देखता है।

मामला क्यों है खास?

यह मामला भारत में काम कर रहे अन्य ग्लोबल ट्रेडिंग फर्मों जैसे Jump Trading, Citadel Securities और IMC Trading के लिए मिसाल बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि SAT संभवतः Jane Street को अंतरिम राहत प्रदान कर सकती है और SEBI को जवाब देने का निर्देश दे सकती है, लेकिन मुख्य फोकस यह रहेगा कि SEBI के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई जाएगी या नहीं।

जेन स्ट्रीट के ​खिलाफ SEBI के चार्ज

SEBI ने Jane Street पर आरोप लगाया कि उसने Nifty Bank इंडेक्स को मैनिपुलेट किया। इसके लिए फर्म ने इंडेक्स के कॉन्स्टिट्यूएंट स्टॉक्स को कैश और फ्यूचर्स मार्केट दोनों में खरीदा, ताकि इंडेक्स को आर्टि​फि​शियल रूप से बढ़ाया जा सके। कथित तौर पर फर्म ने फिर पोजीशन्स को उलटते हुए इंडेक्स ऑप्शंस में शॉर्ट बेट्स बनाए और गिरावट से लाभ कमाया। ​बीती 3 जुलाई के आदेश में SEBI ने Jane Street को ट्रेडिंग से रोकते हुए ₹4,840 करोड़ कथित अवैध लाभ के रूप में जब्त करने का निर्देश दिया।

Jane Street का क्या है तर्क

फर्म ने आरोपों को “मूल रूप से गलत” बताया है और कहा कि उनके ट्रेड्स सामान्य इंडेक्स आर्बिट्राज ए​​क्टिविटी का हिस्सा थे। Jane Street ने कुछ दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। जिनमें SEBI और हेज फंड मैनेजर मयंक बंसल के बीच ईमेल, जिन्होंने कथित रूप से SEBI को सूचना दी, और SEBI व NSE के बीच कम्युनिकेशंस की डीटेल शामिल है। फर्म का कहना है कि इन्हें “अप्रासंगिक” बताकर रोका गया, जबकि NSE और SEBI की पहले की समीक्षा में Jane Street की ट्रेडिंग में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं पाई गई।

Jane Street vs Sebi: अबतक क्या हुआ?

  • 3 जुलाई: SEBI ने Jane Street को बाजार से बैन किया, खाते फ्रीज किए और फंड जब्त करने का आदेश दिया।
  • 18 जुलाई: Jane Street ने ₹4,844 करोड़ एस्क्रो में जमा किए और बैन हट गया। हालांकि फर्म ने इंडेक्स ऑप्शन ट्रेडिंग फिर से शुरू नहीं की।
  • 3 सितंबर: Jane Street ने SAT में अपील दायर की, महत्वपूर्ण दस्तावेजों तक पहुंच न मिलने का हवाला दिया।
  • 9 सितंबर: SAT की सुनवाई शुरू होगी, जिसमें अपील स्वीकार होने और संभव अंतरिम राहत पर फैसला किया जाएगा।

First Published - September 9, 2025 | 11:56 AM IST

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