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एक्टिस का अरमान पारस बदले आलाकमान

Last Updated- December 05, 2022 | 5:25 PM IST

प्राइवेट इक्विटी फंड एक्टिस ने मशहूर एफएमसीजी कंपनी पारस फार्मास्युटिकल्स के आलाकमान में फे रबदल की तैयारी कर ली है।


कंपनी में 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने के बाद अब एक्टिस पारस के मुख्य कार्यकारी (सीईओ) गिरीश पटेल को कुर्सी से उतारने जा रही है।?सूत्रों की मानें, तो गिरीश कुछ दिन तक ही कंपनी के सबसे ऊंचे ओहदे पर रहेंगे। अप्रैल के शुरुआती दिनों में की बागडोर बाहर से आए सीईओ के हाथ में आ जाएगी।


एक्टिस ने 2006 में पारस में 23 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। बाद में उसने इसे बढ़ाकर तकरीबन 40 फीसदी कर लिया। सूत्रों ने बताया कि अब आधे से ज्यादा शेयर हाथ में आने के बाद एक्टिस ने पारस के मौजूदा सीईओ को कुर्सी से उतारने का फैसला किया है। अप्रैल से इस कुर्सी पर एस रघुनंदन बैठेंगे।


पारस फार्मा की लगाम अब तक गिरीश पटेल के हाथों में थी। कंपनी की नींव रखने वाले पटेल बंधुओं में सबसे बड़े गिरीश पटेल सीईओ हैं। उन्हें सबसे बड़ा ओहदा छोड़ना है, लेकिन कंपनी में उनकी अहम भूमिका बरकरार रहेगी।एक्टिस के दक्षिण एशियाई कारोबार के प्रमुख जे एम त्रिवेदी पारस फार्मा से जुड़े मामलों के सर्वेसर्वा हैं। पटेल को हटाए जाने के मामले पर वह कुछ भी बोलेने के लिए तैयार नहीं हैं। खुद गिरीश पटेल ने भी इस बात से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘ये सब अफवाहें हैं। कंपनी की कमान मेरे ही हाथ में रहेगी।’


लेकिन सूत्रों का कुछ और कहना है। वे कहते हैं, ‘कंपनी ने काफी समय तक नए सीईओ की तलाश की है और गिरीश इस काम में जुड़े रहे हैं।’ वे यह भी बताते हैं कि तीनों भाइयों के रिश्ते अब भी पहले की तरह अच्छे हैं।


एक्टिस ने 2006 में छोटी एफएमसीजी कंपनी ज्योति लैबोरेट्रीज में अपनी हिस्सेदारी कम करने के बाद पारस को चुना था। पटेल बंधुओं में दूसरे नंबेर के दर्शन पटेल और कुछ अन्य निवेशकों से शेयर खरीदकर वह पारस के बोर्ड में शामिल हो गई। हाल ही में सबसे छोटे ‘पटेल’ देवेंद्र से हिस्सेदारी खरीदकर उसने कंपनी की बागडोर ही अपने हाथ में ले ली।

First Published - March 31, 2008 | 1:44 AM IST

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