खुद को दिवालिया घोषित करने वाली निजी विमानन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) पर बैंकों के साथ-साथ कई संस्थाओं का करोड़ों रुपये बकाया है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी की इस स्थिति के कारण लेंडर्स ने अतिरिक्त पैसा देने का फैसला पर ‘देखो और इंतजार करो’ के रुख को अपना लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी पर करीब 6,000 करोड़ रुपये का बकाये के भुगतान बाकी है।
एक शीर्ष बैंकर ने मनीकंट्रोल को बताया कि विमानन कंपनी की ताजा स्थिति के चलते कोई भी बैंक कंपनी को फंडिंग मुहैया कराने के पक्ष में नहीं है।
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हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स मानना है कि बैंक अंत में एयरलाइन को फंडिंग दे सकते हैं। ऐसा अनुमान इसलिए जताया जा रहा है क्योंकि कंपनी के लोन अब भी स्टैंडर्ड एसेट्स में है और न ही इसे अभी तक बैड लोन में क्लासीफाइड किया गया है। खबरों के अनुसार ऐसा भी कहा जा रहा है कि विमानन कंपनी लेंडर्स से अधिक फंड ले सकती है।
बता दें कि गो फर्स्ट ने 2 मई को आवेदन कर दिवालिया प्रक्रिया की शुरुआत की थी। इसके बाद कंपनी ने 12 मई तक की सभी उड़ानें रद्द कर दी और 13 से 22 मई तक की उड़ानों के लिए हवाई टिकट बुक करने भी बंद कर दिए।
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