आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) वित्त वर्ष 27 तक अपने उत्पादन का 70 प्रतिशत भाग ‘ग्रीन’ (पर्यावरण के अनुकूल) करने की योजना बना रही है, जो केंद्र सरकार द्वारा ग्रीन स्टील टैक्सोनमी शुरू करने के अनुरूप है। केंद्र ने पिछले दिसंबर में ग्रीन स्टील के लिए टैक्सोनमी पेश की थी, जिसे वित्त वर्ष 27 में शुरू किए जाने की उम्मीद है। इस कदम से देश के इस्पात उद्योग में डीकार्बनाइजेशन को बढ़ावा मिलने तथा भारत और विदेशों में ग्रीन स्टील की मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
ग्रीन स्टील को उस स्टील संयंत्र की उत्सर्जन तीव्रता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है, जहां इसका उत्पादन किया जाता है। ‘ग्रीन’ के रूप में पात्रता के लिए कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता 2.2 टी कार्बन डाईऑक्साइड/टीसीएस से कम होनी चाहिए। इस सीमा से ऊपर की उत्सर्जन तीव्रता वाले स्टील को ग्रीन रेटिंग नहीं मिलेगी, जबकि इससे नीचे के उत्पादित स्टील की तीन-स्तरीय प्रणाली – तीन-सितारे, चार-सितारे या पांच-सितारे वाले ग्रीन स्टील पर रेटिंग की जाएगी।
भारत की नई ग्रीन स्टील टैक्सोनमी के वित्त वर्ष 27 में लागू होने की उम्मीद के साथ एएम/एनएस को भारतीय ग्रीन स्टील उद्योग का नेतृत्व करने की अपनी क्षमता पर भरोसा है। वित्त वर्ष 23 में कंपनी ने 2.17 टी कार्बन डाईऑक्साइड/टीसीएस की तीव्रता हासिल की थी, जो राष्ट्रीय औसत से 14 प्रतिशत कम है। एएम/एनएस इंडिया के निदेशक और उपाध्यक्ष (बिक्री और विपणन) रंजन धर ने बताया कि कंपनी ने साल 2015 से अपनी कार्बन उत्सर्जन तीव्रता को 35 प्रतिशत से ज्यादा तक कम करने में कामयाब रही है।