अरबपति अनिल अंबानी की स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनी- रिलायंस हेल्थ वेंचर की रोग प्रबंधन कंपनी मेडीबिज, जल्द ही देश में बुजुर्गो के लिए घर बैठे सेहत प्रबंधन और सुधार से जुड़ी सेवाएं लॉन्च करने वाली है।
इसी के साथ समूह भविष्य में स्वास्थ्य देख-रेख के 8000 करोड़ रुपये के बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करेगा। कंपनी की योजना लोगों की जरूरत के अनुसार घर बैठे ही उनके लिए कार्यक्रमों को पेश करने की है, जिसमें निरंतर चलने वाली स्वास्थ्य देख-रेख सेवाएं, इलाज के विकल्प और सेहत सुधार से जुड़े कार्यक्रम शामिल होंगे। इस तरह के कार्यक्रमों से बुजुर्गों को उनकी सेहत और रोजमर्रा की गतिविधियों में मदद मिलेगी।
मेडीबिज रिलायंस हेल्थ वेंचर की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जो बड़े स्तर पर मुंबई में यह परियोजना शुरू करने वाली है और कंपनी ने पैरामेडिकल पेशेवरों जैसे फिजियोथेरेपिस्ट, डायटीशियन, सलाहकार और घर में देखभाल के लिए नर्सों की एक बड़ी टीम के लिए नियुक्तियां शुरू कर दी हैं। सूत्रों का कहना है कि इसी के साथ कंपनी विभिन्न स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों, वृध्दावस्था संस्थाओं और पुरानी बीमारियों से जूझ रहे रोगियों के समर्थन समूहों के साथ इस बड़े कार्यक्रम को लॉन्च करने के संबंध में बातचीत कर रही है।
भारत में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 8.50 करोड़ है। 2011 तक यह संख्या 10 करोड़ के पार हो जाएगी और 2026 तक 18 से 21 फीसद की विकास दर से बढ़ते हुए लगभग दोगुनी हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार फिलहाल भारत में इन सेवाओं का बाजार लगभग 1 हजार करोड़ रुपये का है, लेकिन 2012 तक यह बढ़कर 4 हजार करोड़ रुपये और 2017 तक 8 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा।
सूत्रों का कहना है, ‘यह कार्यक्रम सहायता और देख-रेख की अवधारणा पर आधारित है, जिससे मधुमेह, उच्च तनाव, गठिया जैसी बीमारियां जो अधिक उम्र में आम हो जाती हैं के लिए बुजुर्गो की रोजमर्रा की गतिविधियों का प्रबंध किया जाए सके। उनकी जरूरतों के अनुसार दी जाने वाली सेवाओं से वे रोग मुक्त स्वस्थ जीवन जीने का मौका मिलेगा।’
रिलायंस हेल्थ वेंचर का अभी भी स्वास्थ्य देखरेख क्षेत्र में उतरना बाकी है। सूत्रों के अनुसार रिलायंस हेल्थ देश के विभिन्न हिस्सों में दवा वितरण शृंखला, अस्पतालों आदि खोलने की योजना बना रही है। समूह बेहतरीन विशेषताओं वाला अस्पताल कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल ऐंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीटयूट मुंबई के अंधेरी में बना रहा है। संपर्क करने पर, मेडीबिज के प्रवक्ता ने टिप्पणी देने से इनकार कर दिया।