इंडस टावर्स (Indus Towers) में वोडाफोन ग्रुप (Vodafone Group) की 21.05 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए भारती एयरटेल (Bharti Airtel) बातचीत नहीं कर रही है। भारत की दिग्गज टेलीकॉम ऑपरेटर ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि वह इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट का खंडन करती है।
बता दें कि इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अगर यह डील पूरी हो जाती है, तो वोडाफोन ग्रुप कुछ आय को नकदी की कमी से जूझ रही अपनी भारतीय यूनिट वोडाफोन आइडिया (VI) में निवेश कर सकता है।
भारती एयरटेल ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “एयरटेल की इंडस के फाइनेंशियल कंसोलिडेशन के लिए अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। यदि भविष्य में इसकी आवश्यकता होगी तो जरूरी नियामकीय मंजूरी के साथ ऐसा किया जाएगा।”
अरबपति सुनील मित्तल की एयरटेल 47.95 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर इंडस टावर्स में सबसे बड़ी शेयरधारक है।
बुधवार को एयरटेल के शेयर 0.3 फीसदी ऊपर थे जबकि वोडाफोन आइडिया के शेयर 4.5 फीसदी गिरे। इंडस टावर्स 1.4 फीसदी की गिरावट के साथ 354.40 रुपये पर कारोबार कर रहा है।
इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मूल्यांकन पर चर्चा रुकी हुई थी क्योंकि एयरटेल इंडस टावर्स के मौजूदा शेयर प्राइस पर हिस्सेदारी खरीदने के लिए तैयार नहीं था, जो जनवरी से 77 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ गया है।
रिपोर्ट में कहा गया था कि एयरटेल 210-212 रुपये प्रति शेयर के मूल्यांकन की तलाश में है- जिस स्तर पर अमेरिकी निजी इक्विटी फंड केकेआर और कनाडाई पेंशन फंड कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड ने फरवरी में इंडस में शेयर बेचे थे।
इस महीने की शुरुआत में, वोडाफोन आइडिया ने तरजीही शेयरों (preferential shares) के माध्यम से आदित्य बिड़ला ग्रुप की इकाई ओरियाना इन्वेस्टमेंट्स (Oriana Investments) से बड़ी इक्विटी फंडिंग के हिस्से के रूप में 20.75 अरब रुपये जुटाए।
इसने अपनी 5G नेटवर्क सेवा शुरू करने और अपने 4G कवरेज का विस्तार करने के लिए इक्विटी के माध्यम से 200 अरब रुपये और ऋण के माध्यम से 250 अरब रुपये जुटाने की योजना बनाई है। बड़े प्रतिद्वंद्वी एयरटेल और रिलायंस जियो पहले ही देश के अधिकांश हिस्सों में अपनी 5G सेवाएं शुरू कर चुके हैं।