एयर इंडिया (Air India) के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक कैम्पबेल विल्सन (Campbell Wilson) ने शुक्रवार को कहा कि गो फर्स्ट (Go First) एयरलाइन का परिचालन बंद किए जाने की वजह से बढ़ती मांग और हवाई किराये में उतार-चढ़ाव कम करने के लिए वे अपनी घरेलू सेवाएं तेजी से बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
गो फर्स्ट ने राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (NCLT) में दिवालियापन आवेदन करने के बाद 3 मई से अपनी सभी उड़ानों का परिचालन बंद कर दिया है। यह सस्ती एयरलाइन अप्रैल में प्रतिदिन करीब 200 उड़ानें संचालित कर रही थी।
विल्सन ने कहा है, ‘एयर इंडिया (Air India) और समूह की अन्य एयरलाइनों (एयरएशिया इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस) ने अपना परिचालन दायरा बढ़ाने में दिलचस्पी दिखाई है। सबसे पहले इम्फाल के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे कि वहां स्थानीय तौर पर पैदा हुई अशांति को ध्यान में रखते हुए जरूरतमंद लोगों को अस्थायी तौर पर अन्य जगहों पर पहुंचाया जा सके।’
उन्होंने एक मैसेज के जरिये कर्मचारियों को बताया, ‘अब हम इस बारे में योजना बना सकते हैं कि अन्य एयरलाइन द्वारा परिचालन बंद किए जाने से खाली हुए हवाई मार्गों के लिए कितनी तेजी से घरेलू उड़ानें बढ़ाई जा सकती हैं। गो फर्स्ट द्वारा परिचालन बंद किए जाने से लोगों को उड़ानों की संख्या में कमी और हवाई किराये में उतार-चढ़ाव का भी सामना करना पड़ रहा है।’
विमानन विश्लेषण फर्म सीरियम से प्राप्त आंकड़े के अनुसार, 3 मई तक एयर इंडिया के 107 विमान परिचालन में थे, जबकि 17 विमान इस्तेमाल से बाहर थे। यदि परिचालन से बाहर खड़े 17 विमानों को फिर से सेवा में शामिल किया गया तो एयर इंडिया घरेलू उड़ानें तेजी से बढ़ाने में सक्षम हो सकती है।
आंकड़ों से पता चलता है कि एयर इंडिया मौजूदा समय में करीब 400 उडानें संचालित कर रही है। उसकी सहायक इकाइयों एयरएशिया इंडिया (AirAsia India) और एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) प्रतिदिन करीब 200 और 90 उड़ानों का परिचालन कर रही हैं।
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विल्सन ने कहा कि एयर इंडिया दिल्ली हवाई अड्डे के नजदीक 57,000 वर्ग फुट आकार का इंजीनियरिंग वेयरहाउस तैयार कर रही है और इस संबंध में समझौता हो चुका है। उन्होंने कहा, ‘उनका मकसद अगले महीने इसे चालू करना है, क्योंकि इससे हमें अपने विमान कलपुर्जों को बेहतर तरीके से रखने में मदद मिलेगी और साथ ही त्रुटियां तेजी से दूर की जा सकेंगी।’
विल्सन ने एयरलाइन की नई वेबसाइट (त्रिशंकु नाम दिया गया है) के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, ‘नए लुक के अलावा, वेबसाइट से हमें पुराने सॉफ्टवेयर को पूरी तरह नया रूप देने में मदद मिलेगी और इससे नवाचार की क्षमता मजबूत होगी। हमारी टीमें अब नए फीचर्स और क्षमताएं जोड़ने के लिए कठिन परिश्रम कर रही हैं।’