नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने शुक्रवार को एयर इंडिया और उसके दो सीनियर अधिकारियों पर 99 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई पिछले महीने बिना योग्य पायलटों के एक फ्लाइट ऑपरेट करने पर की गई है। नियामक ने इस घटना को “सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा” बताया है। यह घटना 10 जुलाई के आसपास हुई थी, जब एक ट्रेनी पायलट और एक नॉन-ट्रेनी पायलट की जोड़ी ने एयरलाइन की एक कमर्शियल फ्लाइट ऑपरेट की थी। यह सुरक्षा नियमों का उल्लंघन था।
DGCA ने एयर इंडिया पर 90 लाख रुपये, एयर इंडिया के ऑपरेशन डायरेक्टर पर 6 लाख रुपये, और ट्रेनिंग डायरेक्टर पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, संबंधित पायलट को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है।
यह घटना DGCA के ध्यान में 10 जुलाई को एयर इंडिया द्वारा प्रस्तुत एक स्वैच्छिक रिपोर्ट (voluntary report) के माध्यम से आई। DGCA ने कहा, “इस घटना का संज्ञान लेते हुए, नियामक ने एयर इंडिया के ऑपरेशन की व्यापक जांच की, जिसमें दस्तावेजों की जांच और एयर इंडिया की शेड्यूलिंग फैसिलिटी की स्पॉट चेक शामिल थी। जांच के आधार पर, प्रारंभिक रूप से यह पाया गया कि कई पदधारकों और कर्मचारियों द्वारा नियामक प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है, जो सुरक्षा के लिए खतरा है।”
इस घटना के संबंध में 22 जुलाई को उड़ान के पायलट-इन-कमांड और एयरलाइन के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। नियामक ने कहा, “संबंधित पक्षों द्वारा प्रस्तुत जवाब संतोषजनक नहीं थे। इस कारण, DGCA ने मौजूदा नियमों के तहत कार्रवाई शुरू की और जुर्माना लगाया।”
एयर इंडिया के खिलाफ DGCA कर चुका है कई बार कार्रवाई
बीते कुछ सालों में कई बार एयर इंडिया को नियामक की नाराजगी का सामना करना पड़ा है। मई में, DGCA ने कहा कि टाटा समूह द्वारा संचालित एयर इंडिया बार-बार अपने यात्रियों की उचित देखभाल करने में असफल हो रही है। उन्होंने यह बयान तब दिया था जब एयर इंडिया की दो उड़ानों में “अत्यधिक देरी” के बाद यात्रियों को बिना एसी के घंटों केबिन में बैठकर इंतजार करना पड़ा था।
मार्च में, DGCA ने एयर इंडिया पर उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL) के नियमों का उल्लंघन करने पर 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। ये नियम यह सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं कि पायलटों को पर्याप्त आराम मिल सके ताकि थकान के कारण काम के दौरान कोई घटना न हो।
फरवरी में, एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, जब एक बुजुर्ग यात्री को दिल का दौरा पड़ा। यह घटना तब हुई जब बीमार व्यक्ति को एयरलाइन द्वारा व्हीलचेयर उपलब्ध न कराने के कारण यात्री को विमान से टर्मिनल तक पैदल जाना पड़ा, जिसके कुछ ही मिनटों बाद यह दुखद घटना घटी।
जनवरी में, एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उन्होंने लो विजिबिलिटी (CAT-III लैंडिंग) के दौरान विमान उतारने के लिए पर्याप्त ट्रेंड पायलटों की तैनाती नहीं की थी। CAT-III इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम का उपयोग भारत के प्रमुख हवाईअड्डों पर किया जाता है ताकि पायलट बहुत कम विजिबिलिटी, जैसे कि 50 मीटर, के दौरान विमान उतार सकें।
हालांकि, इस प्रणाली का उपयोग करने के लिए पायलट का ट्रेंड होना जरूरी है। जनवरी में, घने कोहरे के कारण देशभर में सैकड़ों फ्लाइट देरी से चलीं या रद्द कर दी गईं। जून 2023 में, DGCA ने एयर इंडिया के दो पायलटों को निलंबित कर दिया—एक कैप्टन को एक साल के लिए और एक को-पायलट को एक महीने के लिए—क्योंकि उन्होंने 3 जून को चंडीगढ़-लेह उड़ान के दौरान कॉकपिट में एक अनधिकृत व्यक्ति को प्रवेश करने दिया था।
एक ऐसी ही घटना 27 फरवरी, 2023 को एयर इंडिया की दिल्ली-दुबई उड़ान के दौरान हुई, जब इस एयरलाइन के कैप्टन ने एक महिला मित्र को कॉकपिट में प्रवेश करने दिया। इस पर, DGCA ने अप्रैल 2023 में इस कैप्टन को तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया और को-पायलट को इस उल्लंघन को रोकने के लिए पर्याप्त रूप से एक्टिव न होने पर चेतावनी दी।
जनवरी 2023 में, नागरिक उड्डयन नियामक ने न्यूयॉर्क से दिल्ली की उड़ान में एक व्यक्ति द्वारा महिला सह-यात्री पर पेशाब करने की घटना को सही तरीके से न संभालने पर एयर इंडिया पर लगभग 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जून 2022 में, एयर इंडिया पर लगभग 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उन्होंने वैलिड टिकट वाले यात्रियों को बोर्डिंग नही करने दी थी और फिर जरूरी मुआवजा नहीं दिया था।