जी20 में अफ्रीकी संघ को भी स्थायी सदस्य के रूप में शामिल कर लिया गया है। भारत की अध्यक्षता में हुई जी20 सम्मेलन की यह सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। भारती एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष सुनील मित्तल का कहना है कि अफ्रीकी संघ को जी20 समूह में शामिल करने के बाद एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के विकासशील देशों (ग्लोबल साउथ ) को अब वैश्विक मंचों पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलेगा। मित्तल ने बी20 ऐक्शन काउंसिल ऑन अफ्रीकन इकनॉमिक इंटीग्रेशन की अध्यक्षता भी की है। उन्होंने निवेदिता मुखर्जी को ईमेल से दिए साक्षात्कार में जी20 में अफ्रीकी संघ के शामिल होने एवं इससे जुड़े विभिन्न विषयों की चर्चा की। पेश है संपादित अंश:
सबसे पहले मैं दुनिया के विकासशील देशों को नेतृत्व प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल से धन्यवाद देता हूं। अफ्रीकी संघ को जी20 समूह में स्थायी रूप से शामिल किया जाना वास्तव में ऐतिहासिक घटना है और सही मायने में यह बहुत पहले किया जाना चाहिए था। अफ्रीकी संघ को शामिल किए जाने के लिए भारत में संपन्न इस शिखर सम्मेलन को सदा याद रखा जाएगा।
अब जबकि अफ्रीकी संघ समूह का स्थायी सदस्य बन चुका है, इसका परिणाम यह होगा कि अफ्रीकी देशों की बात दुनिया में विभिन्न स्तरों पर सुनी जाएगी। इस कदम से दुनिया में विभिन्न बहुपक्षीय संगठनों में सुधार की बात भी जोर पकड़ेगी और इससे आधुनिक विश्व की वास्तविकताओं एवं आशाएं भी परिलक्षित हो पाएंगी। इसकी झलक भी मिलने लगी है क्योंकि जी 20 समूह अब बहुपक्षीय बैंकों में आवश्यक सुधार के लिए सक्रियता से काम कर रहा है और इसे अधिक समावेशी बनाने पर जोर दे रहा है।
अफ्रीकी संघ को शामिल किए जाने के पीछे उद्देश्य स्पष्ट है और अंततः यह पूरा भी होगा। अगर हम यूरोपीय संघ की भी बात करें तो इसे आज हम जिस रूप में देख रहे हैं उसमें आने में काफी लंबा वक्त तय करना पड़ा है। वर्ष 2018 में अफ्रीका कॉन्टिनेंटल फ्री ट्रेड एरिया और अब जी20 समूह में अफ्रीकी संघ की स्थायी सदस्यता बात के स्पष्ट संकेत हैं कि यह केवल दिखावे की बात नहीं है।
यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अफ्रीकी देशों और अपने मजबूत साझेदारों को बहुपक्षीय प्रणाली में अधिक समावेशी और वास्तविक प्रतिनिधित्व के साथ शामिल करना चाहता है। मैंने लंबे समय से कहा कि अफ्रीका महाद्वीप असीम संभावनाओं से भरा है और अपने बड़े बाजार के कारण यह आने वाले दशकों में दुनिया की आर्थिक वृद्धि में प्रमुख भूमिका निभाएगा। अफ्रीका महाद्वीप भौगोलिक विविधताओं, प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है और सभी स्तरों पर आगे बढ़ाने की तमाम खूबियां रखता है।
जी20 समूह को समर्थन देने में कारोबार एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इस वजह से बी20 भी समूह का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। अफ्रीकी संघ के स्थायी रूप से जी20 समूह का हिस्सा बनने के बाद इस महाद्वीप में बड़े पैमाने पर नए निवेश आएंगे और यहां के देश वैश्विक स्तर पर उपलब्ध कारोबारी अवसरों एवं आपूर्ति व्यवस्था का हिस्सा बन जाएंगे और दुनिया में आर्थिक वृद्धि को और गति देंगे। जहां तक एयरटेल की बात है तो हमारे लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि के नए अवसर खुलेंगे।
पिछले वर्ष आयोजित अमेरिका अफ्रीका लीडर्स समिट में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अगले तीन वर्षों में 55 अरब डॉलर निवेश करने का वादा किया था। फ्रांस, जर्मनी और भारत जैसे अन्य देश भी अफ्रीका महाद्वीप में नए निवेश की संभावना तलाश रहे हैं। कुल मिलाकर ये सभी प्रयास स्पष्ट रूप से दुनिया में अफ्रीका महाद्वीप की बढ़ती भूमिका को स्वीकारे जाने के संकेत हैं। वित्तीय समावेशन को बढ़ाने और संपर्क व्यवस्था दुरुस्त करने में एयरटेल सभी 14 देशों में एक मजबूत एवं विश्वसनीय साझेदार हैं। हम अपने निवेश बढ़ाकर भारत अफ्रीका द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने में अपना सहयोग देना चाहेंगे।
अफ्रीका के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध वहां के कई देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार हैं। न केवल हम इन संबंधों को निभाने में मजबूती से आगे रहे हैं बल्कि बदलते समय में इसे और प्रगाढ़ भी करते रहे हैं। एक देश के रूप में भारत महात्मा गांधी के सपनों को साकार कर रहा है और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सपने को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। भारत की अध्यक्षता में जी20 समूह के शिखर सम्मेलन के नतीजे इस बात के उदाहरण है कि किस तरह यह संबंध आगे बढ़ रहे हैं और भारत किस तरह अफ्रीका में आर्थिक वृद्धि एवं समानता को आगे बढ़ाने के द्वार खोल रहा है ।
बी20 ऐक्शन काउंसिल और अफ्रीकन इकनॉमिक इंटीग्रेशन ने सरकार के दृष्टिकोण एवं सुधार को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। जी20 समूह में अफ्रीकी संघ के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किए जाने की सिफारिश करने के साथ ही ऐक्शन काउंसिल अफ्रीकन इकनॉमिक इंटीग्रेशन के लिए एक कार्य योजना भी लेकर आई।
ऐक्शन काउंसिल ने अफ्रीका में कृषि एवं खाद्य प्रणाली में सुधार की भी सिफारिश की है। इससे न केवल खाद्यान्न की समस्या निपटा जा सकेगा बल्कि पूरी दुनिया में खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके साथ ही भारत के सफल डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से अफ्रीका को एक सस्ता ढांचा भी मिलेगा जिससे उसे समावेशी एवं बेहतर सरकार संचालन में मदद मिलेगी।