आदित्य बिड़ला समूह हरित ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही वह अरबों डॉलर निवेश की घोषणा करने वाले टाटा समूह, अदाणी और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे प्रमुख व्यावसायिक घरानों की जमात में शामिल हो गया है।
एक ब्लॉग पोस्ट में आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा है कि समूह ग्रीन एनर्जी में निवेश कर रहा है।
बिड़ला ने ग्रीन एनर्जी व्यवसाय में निवेश का कोई आंकड़ा बताए बगैर कहा, ‘तापमान परिवर्तन की समस्याएं वैश्विक रूप से गहराएंगी और हम आगामी पीढि़यों की जिंदगी के लिए जवाबदेह मौजूदा पीढ़ी को सक्षम बनाने के लिए तकनीक-केंद्रित समाधान तलाश सकते हैं। मौजूदा समय में भारत जैसे तेजी से उभरते देशों के मुकाबले यह कहीं भी संभव नहीं है।’
बिड़ला का प्रतिस्पर्धी टाटा समूह ग्रीन एनर्जी में 77,000 करोड़ रुपये निवेश कर रहा है, जबकि रिलायंस ने अगले तीन साल में 75,000 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है।
अदाणी समूह ने अगले 10 साल में ग्रीन एनर्जी में 70 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है। बिड़ला ने कहा कि तापमान और स्थायित्व को 21वीं सदी की प्रमुख चुनौतियों के तौर पर करार दिया गया है।
बिड़ला ने कहा, ‘जहां अब प्राकृतिक गैस के साथ साथ कोयले पर ध्यान केंद्रित किया गया है, वहीं स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों की दिशा में व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘एक देश के तौर पर हम अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरत अक्षय ऊर्जा स्रोतों से हासिल करना चाहेंगे या इसे इस तरह से कहा जा सकता है कि वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म आधारित क्षमता हासिल करेंगे। भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जैसा कि इंटरनैशनल सोलर अलायंस के उसके द्वारा नेतृत्व से पता चलता है।’
उन्होंने कहा कि पूंजी की उपलब्धता के साथ साथ युवा प्रतिभाओं द्वारा अपने नए विचार पेश करने का मतलब है कि हम नए व्यवसाय तैयार करने की विशेष राह के साक्षी रहे हैं।
बिड़ला ने कहा, ‘आपूर्ति श्रृंखलाओं में बदलाव का प्रयास लंबे समय से किया जा रहा है। वैश्विक तौर पर कंपनियों ने अपनी चाइना+1 नीतियों के तहत पूरे एशिया के देशों पर ध्यान देना शुरू किया है और भारत स्पष्ट तौर पर प्रमुख पसंद है।’