पावर डिस्कॉम अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई (Adani Electricity Mumbai) ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023 में उसका कुल टेक्निकल और कमर्शियल घाटा कम होकर 5.93 प्रतिशत हो गया है, जबकि एक साल पहले यह 6.55 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
अदाणी समूह की इकाई ने कहा कि उसने बिजली चोरी के मामले में निगरानी बढ़ा दी है, जिससे बिजली चोरी के अनुपात को कम करने में मदद मिली। उनका दावा है कि देश में अन्य कंपनियों की तुलना में उनकी कंपनी में बिजली चोरी की दर सबसे कम है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2013 में बिजली चोरी के लिए लोकल पुलिस के पास 774 FIR दर्ज की गईं, जो वित्त वर्ष 2012 में रजिस्टर 391 FIR से दोगुनी से भी ज्यादा हैं।
वित्त वर्ष 2013 में 18,542 से अधिक छापे मारे गए, जबकि वित्त वर्ष 2012 में 10,458 छापे मारे गए थे, जबकि बिजली चोरी के मामले में अनियमितता या गलत काम की राशि पिछले वर्ष के 21.75 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 38.48 करोड़ रुपये हो गई।
बयान में कहा गया है कि बिजली चोरी के खिलाफ छापेमारी से 72.25 टन से ज्यादा तार और अन्य उपकरण जब्त किए गए, जबकि पिछले साल 73.58 टन तार और अन्य उपकरण जब्त किए गए थे।
कुछ झुग्गी बस्तियों में पहले से ही बिजली की बहुत ज्यादा मांग है, लेकिन बिजली नेटवर्क का विस्तार करना मुश्किल है क्योंकि वहां पर्याप्त जगह नहीं है। जब लोग बिजली चोरी करते हैं, तो इससे नेटवर्क पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है। इससे केबल और ट्रांसफार्मर के बार-बार फेलियर जैसी समस्याएं पैदा होती हैं, जिससे उन्हें ठीक करने और मेंटिनेंस का खर्च बहुत ज्यादा हो जाता है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने शहर के कुछ ऐसे इलाकों की पहचान की है जहां बिजली चोरी एक बड़ी समस्या है। वे उन क्षेत्रों में बिजली चोरी को कम करने के लिए कड़ी मेहनत करने जा रहे हैं।