हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने के बाद से अदाणी ग्रुप की मुसीबतें थमने का नाम ही नहीं ले रही है। नॉर्वे के 1.35 अरब डॉलर के सॉवरेन वेल्थ फंड (sovereign wealth fund) ने गुरुवार को बताया कि उसने हाल के हफ्तों में भारत के अदाणी समूह से संबंधित कंपनियों में अपनी पूरी हिस्सेदारी को बेच दिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
ESG रिस्क मॉनिटरिंग फंड के प्रमुख क्रिस्टोफर राइट ने एक समाचार सम्मेलन में कहा, ‘हम कई वर्षों से इन मुद्दों (ESG मुद्दों पर) को लेकर अदाणी समूह पर नजर रखे हुए थे, विशेष रूप से पर्यावरणीय जोखिमों से निपटने के मुद्दों पर।’
इस सॉवरेन वेल्थ फंड ने बताया कि उसने वर्ष 2014 के बाद से अदाणी समूह की 5 कंपनियों में विनिवेश किया था और वर्ष 2022 के अंत तक उसके पास अदाणी समूह की तीन कंपनियों में हिस्सेदारी बची थी।
क्रिस्टोफर ने बताया कि साल के अंत से, हमने अदाणी समूह की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी फिर से घटा ली। अब हमारा अदाणी समूह में कोई निवेश नहीं है।
इस बीच ग्लोबल इनवेस्टेबिल मार्केट इंडेक्स (MSCI) ने इस ग्रुप के शेयरों के स्टेटस का रिव्यू करने की घोषणा की है।
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इन नेगेटिव खबरों के बीच आज के कारोबार में समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 20 फीसदी गिए गए। अदाणी समूह की लगभग नौ कंपनियां लाल निशान में कारोबार कर रही थीं, जबकि एक कंपनी हरे निशान पर कारोबार कर रही थी।