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5G spectrum auctions: 5जी नीलामी से मिले 11,340 करोड़ रुपये, नहीं दिखा उत्साह

दो दिन में दूरसंचार कंपनियों ने 11,300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाईं। सरकार ने स्पेक्ट्रम का आरक्षित मूल्य 96,317.65 करोड़ रुपये रखा था।

Last Updated- June 26, 2024 | 11:04 PM IST
telecom

5G spectrum auctions: 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी दूसरे दिन आज बोली शुरू होने के कुछ घंटों में ही पूरी हो गई। दो दिन में कुल सात चरण के दौरान दूरसंचार कंपनियों ने 11,300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाईं। सरकार ने स्पेक्ट्रम का आरक्षित मूल्य 96,317.65 करोड़ रुपये रखा था। इस हिसाब से उसे 12 फीसदी से भी कम कीमत मिली।

स्पेक्ट्रम के लिए बोलियों में आई रकम विश्लेषकों के अनुमान के मुताबिक ही थी। सरकार ने 10,523.15 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखा था, जिसमें वॉयस और डेटा स्पेक्ट्रम का बड़ा हिस्सा शामिल था।

नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड की पेशकश की गई थी, जिसके लिए कुल 11,340 करोड़ रुपये की बोलियां आईं। अनुमान है कि सात दौर की बोलियों में केवल 140-150 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम ही बिक पाया।

2022 में सरकार को स्पेक्ट्रम की नीलामी से 1.5 लाख करोड़ रुपये की भारी भरकम कमाई हुई थी। उस समय ज्यादा बोलियां इसलिए भी मिलीं क्योंकि 5जी स्पेक्ट्रम उसी समय खुला था और दूरसंचार कंपनियों ने उसे हासिल करने के लिए बढ़-चढ़कर बोलियां लगाई थीं।

दूरसंचार विभाग के अ​धिकारियों ने संकेत दिया कि इस बार भारती एयरटेल ने सबसे ज्यादा बोली लगाई। कई दूरसंचार सर्कलों में 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के नवीनीकरण की जरूरी है। इसी वजह से भारती एयरटेल सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी रही।

अनुमान के अनुरूप रिलायंस जियो ने कम बैंडों के लिए बोली लगाई। माना जा रही था कि कंपनी 800 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए बोली नहीं लगाएगी क्योंकि इसमें ज्यादातर स्पेक्ट्रम वही था, जो 2022 की नीलामी में भी नहीं बिका था। सबसे ज्यादा मांग 1,800 मेगाहर्ट्ज बैंड की रही। इसे हासिल करने पर जियो स्पेक्ट्रम का जोर रहा है। मॉर्गन स्टैनली के एक विश्लेषक की रिपोर्ट के अनुसार 1,800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम में वोडाफोन आइडिया के पास 31 फीसदी हिस्सेदारी और एयरटेल के पास 29 फीसदी हिस्सेदारी है।

दूरसंचार विभाग द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक निजी क्षेत्र के तीन दूरसंचार ऑपरेटरों – रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया – ने कुल 4,350 करोड़ रुपये पेशगी जमा कराए थे।

कंपनियों को उनके द्वारा जमा कराई गई पेशगी रकम के आधार पर अंक दिए जाते हैं। वे कितने अधिक सर्कलों में और कितने अधिक स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाएंगे, यह उन्हीं अंकों से तय होता है।

First Published - June 26, 2024 | 10:52 PM IST

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