वैश्विक तेल के दाम में बढ़ोतरी के कारण पेट्रोल व डीजल के खुदरा दाम बढ़ सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 6 सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गए, लेकिन घरेलू दाम में बदलाव नहीं किया गया। पेट्रोल व डीजल का मौजूदा बिक्री मूल्य राष्ट्रीय राजधानी में क्रमश: 101.19 और 88.62 रुपये प्रति लीटर है।
एक तेल विपणन कंपनी के अधिकारी ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी के बावजूद वैश्विक आर्थिक वृद्धि की उम्मीद और अमेरिका के कच्चे तेल के भंडार में अनुमान से ज्यादा गिरावट से कच्चे तेल के बाजार की धारणा और मजबूत होगी। 17 सितंबर को ब्रेंट क्रूड 75.31 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था।’
तेल के अंतरराष्ट्रीय दाम में बढ़ोतरी से भारत में पेट्रोल व डीजल के खुदरा दाम पर भी असर पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, पिछले 10 दिन के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑयल की कीमतें करीब 3 डॉलर प्रति बैरल बढ़ी हैं। बहरहाल तेल विपणन कंपनियों ने अब तक डीजल और पेट्रोल की खुदरा कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी अगर बनी रहती है तो आगे चलकर खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को टाला नहीं जा सकता है।
अगस्त में गिरावट (20 अगस्त तक) के बाद कच्चे तेल के दाम बढ़े हैं, क्योंकि एशिया प्रशांत क्षेत्र में तेल को लेकर चिंता कम हुई है और अमेरिका व यूरोप में तेल की मांग में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं।
यात्रा पर प्रतिबंध कम होने और वैश्विक स्तर परव्यक्तिगत वाहनों को तरजीह दिए जाने कारण यातायात के लिए तेल की मांग बढ़ी है। भारत में अगस्त, 2021 के दरौरान पेट्रोल की बिक्री महामारी के पहले हुई बिक्री के स्तर को पार कर गई। हालांकि डीजल की मांग अनुमान की तुलना में थोड़ी कम रही है, त्योहारों के मौसम में इसकी मांग के आंकड़े बढऩे की उम्मीद है।
ओपेक प्लस के नए समझौते के बाद आने वाले महीनों में कच्चे तेल का वैश्विक उत्पादन बढऩे की संभावना है। उपरोक्त उल्लिखित व्यक्ति ने कहा, ‘वैश्विक मांग इस साल के दौरान आपूर्ति से ज्यादा होने की संभावना है, जिसकी वजह से मध्यावधि के हिसाब से अंतरराष्ट्रीय दाम में तेजी बनी रह सकती है।’
इसके पहले पेट्रोल व डीजल की कीमतों में क्रमश: 17 जुलाई और 15 जुलाई को बढ़ोतरी हुई थी। अंतरराष्ट्रीय दाम कम होने के कारण दिल्ली में 18 जुलाई से इन दोनों की कीमतों में क्रमश: 0.65 रुपये प्रति लीटर और 1.25 रुपये प्रति लीटर की कमी आई थी।
