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नए पर्यावरण लक्ष्यों के साथ विपणन व गुणवत्ता सुधारों पर होगा जोर

Last Updated- December 11, 2022 | 10:34 PM IST

निजी क्षेत्र के लिए कोयला खनन क्षेत्र को खोलने और घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने के बाद कोयला मंत्रालय अब इस क्षेत्र में विपणन, गुणवत्ता और पर्यावरण सुधारों की तरफ बढ़ रहा है। मंत्रालय आगामी पांच वर्षों के लिए प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के नए सेट का मसौदा तैयार कर रहा है।
पांच वर्ष की कार्य योजना में अगले वर्ष के आरंभ में विपणन सुधार शुरू करने का प्रस्ताव है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने इस कार्य योजना की समीक्षा की है। मंत्रालय ने एकल नीलामी खिड़की में विभिन्न कोयला नीलामियों को शामिल कर एक देश-एक ग्रेड-एक दर शुरू करने की योजना बनाई है। उपभोक्ताओं के लिए खुले बाजारों में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और उसकी सहायक कंपनियों की ओर से पेश किए जा रहे कोयला के लिए किसी भी कोयला कंपनी के साथ दीर्घावधि कोयला आपूर्ति समझौता नहीं किया गया है।
चूंकि कोयला नीलामी के विभिन्न बास्केट को एक साथ जोड़ा जाएगा लिहाजा कोयला कंपनी के आधार पर कोयले की पेशकश की जाएगी। सीआईएल की सहायक कंपनियों की संख्या 7 है। एक अधिकारी ने कहा, ‘इससे बाजार में कोयले की एकसमान ग्रेड और दर निर्धारित होगी। ई-नीलामी में कोयले की पेशकश कोयला कंपनी के आधार पर किया जाएगा।’
मंत्रालय की योजना फरवरी तक केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी लेने के लिए एक नोट तैयार करने और अगले वर्ष के मध्य तक नई नीलामी प्रक्रिया को आरंभ करने की है।
सीआईएल की ओर से कोयले की ई-नीलामी में स्पॉट ई-नीलामी, विद्युत क्षेत्र के लिए विशेष फॉरवार्ड ई-नीलामी, गैर-बिजली उपभोक्ताओं के लिए विशेष ई-नीलामी, कोयला आयातकों के लिए विशेष स्पॉट ई-नीलामी शामिल है। इसके अलावा, 2017 से सीआईएल शक्ति योजना के तहत ई-नीलामी का भी आयोजन करती है। भारत में पारदर्शी तरीके से कोयले का दोहन और आवंटन के लिए योजना (शक्ति) का आरंभ 2018 में कोयला आपूर्ति की कमी से जूझ रहे दबावग्रसत बिजली इकाइयों को कोयला मुहैया कराने के लिए की गई थी।
कोयला गुणवत्ता में सुधार के लिए किए जाने वाले प्रयासों को और अधिक मजबूत करने के लिए मंत्रालय कोयला के लिए नमूना और गुणवत्ता जांच प्रणाली में भी बदलाव करेगा। कोयला गुणवत्ता में सुधार स्वच्छ कोयला तकनीकों को अपनाने के भारत की जलवायु प्रतिबद्घताओं से भी अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है।
नोट में कहा गया है, ‘मंत्रालय थर्ड पार्टी सैंपलिंग (टीपीएस) एजेंसियों में एकाधिकार वाली व्यवस्थाओं को भी समाप्त करना और कंपनियों की संख्या बढ़ाना चाहता है। सीआईएल ई-नीलामी कोयला खरीदारों को ई-नीलामी में भागीदारी करने से पहले अपनी एजेंसियों के माध्यम से कोयला भंडार से कोयले के नमूने की जांच करावाने की भी अनुमति देगी।’
फिलहाल, टीपीएस सीआईएल की ओर से नियुक्त एजेंसियों द्वारा किया जाता है। सीआईएल दावा करती है कि कोयला नमूनों की जांच और विश्लेषण स्वतंत्र कोयला जांच प्रयोगशालाओं में बीआईएस मानकों के मुताबिक तीसरे पक्ष द्वारा किया जाता है। नमूने का संग्रह उपभोक्ता को कोयले की आपूर्ति के लिए भेजे जाने वाले कोयले में से लदान स्थल से किया जाता है।
मंत्रालय की योजना कोयला ट्रेडिंग एक्सचेंज स्थापित करने की भी है। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए परामर्शक को चुन लिया गया है लेकिन इसकी समय सीमा 2023 तक हो गई है।

First Published - December 27, 2021 | 11:28 PM IST

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