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गेहूं की कीमत घटी, दाल अभी भी महंगी; आंकड़ों ने बताई कई वजह

मई से जुलाई तक की अवधि को दलहन के लिए सुस्त मौसम माना जाता है। खरीफ की फसल तैयार होने के साथ गतिविधियां तेज हो जाती हैं

Last Updated- June 29, 2023 | 10:16 PM IST
Import of pulses is increasing, import of pigeon pea has increased more than double

केंद्र सरकार ने जून में दो दालों अरहर और उड़द तथा गेहूं की भंडारण सीमा तय कर दी थी, जिससे इनकी बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सके। इन अनाज की कीमत कई वजहों से बढ़ी हुई है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग और कारोबारियों के आंकड़ों से पता चलता है कि भंडारण की सीमा तय किए जाने के बाद से दिल्ली के बाजार में जहां गेहूं की कीमत घटी है, लेकिन अरहर और उड़द के मामले में ऐसा नहीं है।

गेहूं के मामले में भी देखें तो उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कीमत में गिरावट सभी केंद्रों पर एकसमान नहीं कम हुई है। कुछ केंद्रों पर भंडारण की सीमा तय किए जाने के बाद भी गेहूं की थोक कीमत बढ़ी है।

व्यापारियों ने कहा कि अकोला, गुलबर्ग, लातूर, चेन्नई और विजयवाड़ा जैसी जगहों पर अरहर और उड़द कीमत कम होनी शुरू हुई है, जिसका असर इसका उपभोग करने वाले इलाकों में अगले कुछ सप्ताह में पड़ेगा।

मई से जुलाई तक की अवधि को दलहन के लिए सुस्त मौसम माना जाता है। खरीफ की फसल तैयार होने के साथ गतिविधियां तेज हो जाती हैं।

First Published - June 29, 2023 | 10:15 PM IST

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