Sugar mills quota: सरकार द्वारा तय किये गए मासिक चीनी कोटा से अधिक और कम चीनी बिक्री करने वाली चीनी मिलों पर सरकार ने नकेल कसना शुरू कर दिया है। तय सीमा से अधिक चीनी बिक्री करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। सरकार की इस सख्ती ने चीनी मिलों और बाजार में चीनी आपूर्ति करने वाले व्यापारियों के बीच भय का माहौल बन चुका है। कारोबारियों का कहना है कि खाद्य मंत्रालय को अपने कदम के बारे में स्पष्ट करना चाहिए ताकि बाजार में फैले अफवाह और भय से कारोबारी बाहर निकल सके।
सरकारी नियमों का उल्लंघन कर मनमाने तरीके से चीनी बिक्री करने वाली 20 चीनी मिलों और कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। इन मिलों के चीनी स्टॉक को जब्त करने, जुर्माना लगाने और मासिक कोटा आवंटन घटाने की कार्रवाई की आशंका पूरे बाजार में जोरों से फैल चुकी है। चीनी मिल एसोसिएशन से जुड़े एक पदाधिकारी के मुताबिक फिलहाल उनके पास ऐसी कोई अधिकारिक जानकारी नहीं है लेकिन यह सच है कि इस तरह की खबरों से कारोबारियों के बीच डर का माहौल जरूर बन गया है।
दरअसल केंद्र सरकार ने देश की सभी चीनी मिलों को 14 फरवरी 2024 को एक निर्देश जारी किया। जिसमें मासिक स्टॉक होल्डिंग सीमा के अनुपालन और नेशनल सिंगल विंडो सर्विस (एनएसडब्ल्यू) पोर्टल पर सही आंकड़े देने को कहा था। चीनी मिलों द्वारा चीनी की बिक्री से संबंधित जीएसटी डेटा का विश्लेषण करते समय, यह भी देखा गया है कि जीएसटी डेटा में दी गई घरेलू बिक्री पी-2 में चीनी मिलों द्वारा उल्लिखित आंकड़ों से मेल नहीं खाती है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पत्र में कहा गया कि यह देखा गया है कि कुछ चीनी मिलें मासिक स्टॉक होल्डिंग सीमा का पालन नहीं कर रही हैं और वे या तो अधिक या काफी कम मात्रा में बेच रही हैं।
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चीनी मिलों द्वारा मासिक स्टॉक सीमा का पालन न करने का असर घरेलू बाजार पर पड़ेगा। साथ ही चीनी उद्योग के हित में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को भी बाधित कर सकता है। चीनी मिलों को सलाह दी जाती है कि वे घरेलू बाजार में चीनी की बिक्री के लिए जारी मासिक स्टॉक होल्डिंग सीमा आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें और एनएसडब्ल्यू पोर्टल और जीएसटीआर1 पर सही डेटा भरें। निर्देशों का पालन न करने की स्थिति में आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 एवं चीनी (नियंत्रण) आदेश, 1966 के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य मंत्रालय ने खुले बाजार में प्रत्येक मिल के लिए चीनी बिक्री का मासिक आवंटन तय किया है। मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में अक्टूबर 2023 से जनवरी 2024 तक की 4 महीने की अवधि के लिए 98 लाख टन चीनी बिक्री का आवंटन किया था। आंकड़ों की जांच करने पर पता चला कि कुछ कंपनियों ने आवंटित मात्रा से 30-40 फीसदी अधिक चीनी बेची है। मिलों और चीनी कंपनियों को अपने मासिक आवंटन कोटा का कम से कम 90 प्रतिशत बेचना होता है।
मंत्रालय ने चीनी मिलों के जीएसटी डेटा की तुलना में मासिक रिटर्न में विसंगतियां पाईं, जिससे बाजार में गड़बड़ी की चिंता पैदा हो गई। आवंटन से अधिक बिक्री के मामले में कुछ चीनी मिलों और कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मिलों की ओर से मिले जवाब के आधार पर सरकार कार्रवाई पर विचार कर रही है। सरकार के पास चीनी नियंत्रण आदेश के तहत स्टॉक जब्त करने या जुर्माना लगाने की शक्तियां हैं, लेकिन मूल्य प्रभावों से बचने के लिए समग्र कोटा कम नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि इस साल चीनी उत्पादन कम होने का अनुमान है। चुनावी साल होने के कारण सरकार कोई भी ढील नहीं देगी, जिससे कीमतों में बढ़ोत्तरी हो। उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, चालू 2023-24 विपणन वर्ष में चीनी उत्पादन 10 प्रतिशत घटकर 3.305 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष में 3.662 करोड़ टन था।