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Soybean Crushing: सोयाबीन पेराई में देखने को मिल रही है सुस्ती, क्या हैं बड़े कारण?

चालू तेल वर्ष के पहले 4 महीने में सोयाबीन पेराई 9.50 फीसदी घटकर 42.50 लाख टन पहुंच गया है।

Last Updated- February 14, 2025 | 6:45 PM IST
Soyabean oil
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: IndiaMart

सोयाबीन की पेराई में सुस्ती देखने को मिल रही है। चालू तेल वर्ष यानी 2024-25 (अक्टूबर से सितंबर) के शुरुआती 4 महीनों में सोयाबीन की पेराई में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, जनवरी महीने में सोयाबीन की पेराई में सुधार देखने को मिला है। चालू तेल वर्ष में कुल पेराई में आ रही कमी की वजह देश में सोयाबीन तेल का बड़े पैमाने पर आयात और सोया खली की मांग सुस्त पड़ना मानी जा रही है।

तेल वर्ष 2024-25 में कितनी हुई सोयाबीन की पेराई?

सोयाबीन उद्योग के प्रमुख संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) के आंकड़ों के अनुसार तेल वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-जनवरी अवधि में 42.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हो चुकी है। पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 47 लाख टन था। इस तरह चालू तेल वर्ष के पहले 4 महीने में सोयाबीन की पेराई में 9.57 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि जनवरी महीने में मासिक और सालाना आधार पर इसकी पेराई में इजाफा हुआ है। इस साल जनवरी में सोयाबीन की पेराई 12 लाख टन हुई, जो पिछले साल जनवरी में हुई 11.50 लाख टन पेराई से अधिक है। साथ ही यह इससे पहले वाले महीने दिसंबर में हुई 11 लाख टन से भी ज्यादा है।

सोयाबीन की पेराई में क्यों आ रही है कमी?

कमोडिटी एक्सपर्ट और एग्रोकॉर्प इंटरनेशनल में रिसर्च हेड इंद्रजीत पॉल ने कहा कि सोयाबीन की पेराई में कमी की अहम वजह सोया खली की निर्यात और घरेलू मांग सुस्त पड़ना है। मक्का का एथेनॉल बनाने में बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है। मक्का के एथेनॉल बनाने में प्रयोग के दौरान Distiller’s Dried Grains with Solubles (DDGS) निकलता है। इसका उपयोग पशु चारे खासकर पोल्ट्री फीड के रूप में किया जाता है और यह सोया खली से काफी सस्ता होता है। सोया खली के दाम 28 से 30 रुपये किलो है, जबकि DDGS की कीमत 14 से 15 रुपये किलो है। इस वजह से सोया खली की निर्यात और घरेलू दोनों मांग में कमी आई है। जिसका असर सोयाबीन की पेराई पर भी पड़ा है। सोयाबीन तेल का आयात भी नवंबर से जनवरी के बीच ढाई गुना बढ़कर 12.72 लाख टन हो गया है। इससे भी सोयाबीन की पेराई में गिरावट आई है। SOPA के मुताबिक चालू तेल वर्ष की अक्टूबर-जनवरी अवधि में सोया खली का निर्यात 14.77 फीसदी घटकर 7.96 लाख टन रह गया है।

चालू तेल वर्ष में सोयाबीन की कितनी पेराई होने का अनुमान?

SOPA के मुताबिक चालू तेल वर्ष में 115 लाख टन पेराई होने का अनुमान है। पिछले तेल वर्ष में 122.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई थी। जाहिर है कि चालू तेल वर्ष में सोयाबीन की पेराई कम होने का अनुमान लगाया गया है। ऐसा तब है जब वर्ष 2024-25 में सोयाबीन का उत्पादन अधिक होने का अनुमान है। वर्ष 2024-25 में 125.82 लाख टन उत्पादन का अनुमान है, जो इससे पहले वर्ष के 118.74 लाख टन सोयाबीन उत्पादन से अधिक है। पिछले तेल वर्ष के कैरीओवर को मिलाकर इस तेल वर्ष में सोयाबीन की कुल उपलब्धता 137.76 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले तेल वर्ष की कुल उपलब्धता 149 लाख टन से कम है।

First Published - February 14, 2025 | 6:41 PM IST

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