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अर्जेंटीना और रूस की टैक्स कटौती से सस्ता होगा सोया और सूरजमुखी तेल, त्योहारों में राहत की उम्मीद

रूस ने शुक्रवार को घोषणा की है कि सूरजमुखी तेल और खली पर लागू फ्लोटिंग निर्यात शुल्क को 31 अगस्त तक निलंबित कर दिया गया है।

Last Updated- July 28, 2025 | 10:42 PM IST
India edible oil import duty cut
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

रूस के बाद अर्जेंटीना ने सोयाबीन ऑयल, सोयामील, सोयाबीन और सूरजमुखी उत्पादन पर निर्यात शुल्क को स्थायी रूप से घटा दिया है। यह फैसला वैश्विक कृषि व्यापार में अपनी प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की दिशा में लिया गया है। इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार पर दबाव बनेगा, जिसका फायदा घरेलू उपभोक्ताओं को मिलेगा। खाद्य तेल संगठनों का मानना है कि आने वाले त्योहारी सीजन में तेल के दाम कम होने की संभावना है।

अर्जेंटीना की सरकार द्वारा 26 जुलाई को घोषित की गई नीति के अनुसार सोयामील और सोया ऑयल पर निर्यात शुल्क 31 फीसदी से घटाकर 24.5 फीसदी, सोयाबीन पर 33 फीसदी से घटाकर 26 फीसदी और  प्रोडक्ट्स पर सात फीसदी से घटाकर 5.5 फीसदी कर दी गई है। राष्ट्रपति जेवियर माइली ने कहा कि यह कटौती स्थायी है और मेरे कार्यकाल में इन्हें वापस नहीं लिया जाएगा। निर्यात ड्यूटी अभिशाप है, जिसे कभी लागू नहीं होना चाहिए था। इससे पहले सरकार ने इसी साल 27 जनवरी को यही टैरिफ कटौती अस्थायी रूप से लागू की थी, जो 30 जून तक प्रभावी रही। हालांकि, 1 जुलाई को पुन: पुरानी दरें बहाल कर दी गई थीं।

इससे पहले रूस ने शुक्रवार को घोषणा की है कि सूरजमुखी तेल और खली पर लागू फ्लोटिंग निर्यात शुल्क को 31 अगस्त तक निलंबित कर दिया गया है। इसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादकों का समर्थन करना और निर्यात बढ़ाना है। रूस द्वारा ये फ्लोटिंग शुल्क श्रेणी 2021 में लागू की गई थी ताकि घरेलू बाजार में मूल्य वृद्धि से बचा जा सके। इस साल 1 जुलाई को सूरजमुखी तेल पर शुल्क 4,739 रूबल प्रति टन था, जबकि सूरजमुखी खली पर यह दर 1,054–1,244 रूबल प्रति टन के बीच थी। रूस सरकार ने कहा कि वर्तमान में घरेलू बाजार में सूरजमुखी तेल की पूर्ति पर्याप्त है, अतः शुल्क निलंबन का रूसी उपभोक्ताओं के लिए उपलब्धता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर ने बताया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले एक महीने से अधिक समय से खाद्य तेल की कीमतों में आए उछाल और देसी तेल जिसमें खासकर सरसों एवं नारियल तेल के दामों में भी काफी उछाल आने से जूझ रहा है। 

First Published - July 28, 2025 | 10:28 PM IST

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