facebookmetapixel
Stocks to Watch Today: Wipro, Dr Reddy’s, Paytm समेत कई शेयर फोकस में; चेक करें लिस्ट100 गीगावॉट लक्ष्य के लिए भारत में परमाणु परियोजनाओं में बीमा और ईंधन सुधारों की जरूरत: एक्सपर्टCII ने बजट 2026-27 में निवेश और विकास बढ़ाने के लिए व्यापक सुधारों का रखा प्रस्तावRBI ने बैंकों को कहा: सभी शाखाओं में ग्राहकों को बुनियादी सेवाएं सुनिश्चित करें, इसमें सुधार जरूरीसाल 2025 बना इसरो के लिए ऐतिहासिक: गगनयान से भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की उलटी गिनती शुरूदिल्ली देखेगी मेसी के कदमों का जादू, अर्जेंटीना के सुपरस्टार के स्वागत के लिए तैयार राजधानीदमघोंटू हवा में घिरी दिल्ली: AQI 400 के पार, स्कूल हाइब्रिड मोड पर और खेल गतिविधियां निलंबितUAE में जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता: यूरोप ब्रिटेन और मिस्र के विदेश मंत्री से की मुलाकात‘सच के बल पर हटाएंगे मोदी-संघ की सरकार’, रामलीला मैदान से राहुल ने सरकार पर साधा निशानासेमाग्लूटाइड का पेटेंट खत्म होते ही सस्ती होंगी मोटापा और मधुमेह की दवाएं, 80% तक कटौती संभव

चालू सीजन में भी चीनी उत्पादन के शीर्ष पर रहेगा महाराष्ट्र

Last Updated- December 11, 2022 | 1:06 PM IST

महाराष्ट्र में गन्ना पेराई का काम शुरू हो गया है। चालू सीजन में भी राज्य चीनी उत्पादन में अव्वल रहने की कवायद शुरू कर दिया है। इसके साथ ही राज्य के कुछ हिस्सों में किसानों ने गन्ने की फसल के लिए अधिक कीमत की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है। महाराष्ट्र में चीनी मिलों द्वारा 10 नवंबर के आसपास पूरी क्षमता के साथ गन्ने की पेराई शुरू करने की उम्मीद है।
राज्य में आमतौर पर पेराई का सीजन अक्टूबर के मध्य में शुरू होता है, लेकिन बारिश के कारण इस साल पेराई में विलंब हो गया। हालांकि पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ चीनी मिलों ने पेराई शुरू कर दी है, जिसमें कोल्हापुर जिले की कुछ मिलें भी शामिल है। राज्य में अब तक 73 चीनी मिलों ने पेराई सत्र के लिए आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली है और पिछले साल 200 के मुकाबले इस साल कुल 203 मिलों द्वारा पेराई में हिस्सा लेने की उम्मीद है।

चालू सीजन में भी चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र शीर्ष स्थान पर रहना चाहता है। महाराष्ट्र चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने कहा कि गन्ना क्षेत्र लगभग पिछले साल की तरह ही है। हम पिछले सीजन की तरह रिकॉर्ड चीनी उत्पादन के साथ भारत में शीर्ष स्थान पर बने रहने की उम्मीद करते हैं। गायकवाड़  ने बताया की 2021-22 में, महाराष्ट्र में गन्ने का कुल क्षेत्रफल 14.88 लाख हेक्टेयर और 200 मिलें पेराई कर रही थीं। इस साल यह आंकड़ा 14.87 लाख हेक्टेयर और 203 मिलों का है। पिछले सीजन चीनी का उत्पादन 137.36 लाख टन था और हमें चालू सीजन में 138 लाख टन की उम्मीद है।
महाराष्ट्र में इस सीजन 15 अक्टूबर से गन्ना पेराई सत्र शुरू हो गया है। महाराष्ट्र ने उत्तर प्रदेश को पिछले सीजन में पछाड़ दिया था। महाराष्ट्र का चीनी उत्पादन और निर्यात दुनिया भर के कई चीनी उत्पादक देशों से बड़ा है। पिछले साल, भारत ने दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक देश के रूप में ब्राजील को पीछे छोड़ दिया।

पेराई सत्र शुरू होने के साथ किसानों ने गन्ने की फसल के लिए अधिक कीमत की मांग भी शुरू कर दी। किसान समर्थक संगठनों ने ट्रांसपोर्टरों से गन्ने की फसल को खेतों से चीनी मिल तक नहीं पहुंचाने की अपील की है। किसान समर्थक स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के सदस्य सचिन पाटिल ने को बताया कि हाल ही में हमनें सोलापुर जिले में लगभग 20,000 गन्ना किसानों का एक सम्मेलन किया था। बैठक में हमने मांग की कि किसानों को गन्ने का भुगतान 3,100 रुपये प्रति टन की दर से किया जाए। हमने मांग की कि एक किसान को पहली किस्त के रूप में 2,500 रुपये और अंतिम बिल के समय शेष 600 रुपये दिए जाएं। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने उनके प्रदर्शन का संज्ञान नहीं लिया है।

First Published - October 27, 2022 | 7:53 PM IST

संबंधित पोस्ट