इस सप्ताह खरीफ फसलों की बोआई पिछले सप्ताह के मुकाबले थोड़ी सुधरी है। इसकी वजह तिलहन व दलहन फसलों की बोआई इस सप्ताह सुधरना है। हालांकि पिछले साल की समान अवधि की तुलना बोआई अभी भी काफी कम है।
चालू खरीफ सीजन में मानसून में देरी के कारण खरीफ फसलों की बोआई पिछड रही है। पिछले सप्ताह तक दलहन फसलों की बोआई में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन इस सप्ताह इन फसलों की बोआई में इजाफा हुआ है।
खरीफ फसलों की कुल बोआई 42 फीसदी घटी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 23 जून तक करीब 78.77 लाख हेक्टेयर भूमि में खरीफ फसलों की बोआई हो चुकी है। पिछली समान अवधि में यह आंकडा 135.66 लाख हेक्टेयर था। इस तरह खरीफ फसलों की बोआई पिछले साल की तुलना में अब तक करीब 42 फीसदी कम हुई है। पिछले सप्ताह तक बोआई में 49 फीसदी गिरावट दर्ज की गई थी। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान के रकबे में भी गिरावट दर्ज की गई है। अब तक करीब 10.77 लाख हेक्टेयर में धान की बोआई हो चुकी है, जो पिछली समान अवधि के रकबा 16.46 लाख हैक्टेयर से करीब 34 फीसदी कम है। कपास की बोआई 14.20 फीसदी घटकर 28 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई।
दलहन फसलों के रकबे में इजाफा
पिछले सप्ताह तक दलहन फसलों के रकबे में करीब 57 फीसदी गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन इस सप्ताह इन फसलों की बोआई ने जोर पकडा। अब तक 6.54 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलें बोई जा चुकी हैं, जो पिछली समान अवधि के दलहन रकबा 6.30 लाख हेक्टेयर से 3.80 फीसदी अधिक है। हालांकि अरहर और उड़द की बोआई में क्रमशः 65 और 14 फीसदी कमी आई है। लेकिन मूंग का रकबा करीब 41 फीसदी और अन्य दलहन का रकबा 62 फीसदी बढने से कुल दलहन की बोआई में बढोतरी हुई है।
तिलहन फसलों का कुल रकबा घटा, लेकिन मूंगफली का बढ़ा
तिलहन फसलों के कुल रकबे में 3.3 फीसदी की गिरावट आई है,जबकि पिछले सप्ताह तक तिलहन फसलों की बोआई 14 फीसदी घटी थी। इस सप्ताह 9.21 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलें बोई जा चुकी हैं, पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 9.52 लाख हेक्टेयर था।
तिलहन फसलों का कुल रकबा भले घटा हो, लेकिन मूंगफली की बोआई 13.30 फीसदी बढ़कर 7.68 लाख हेक्टेयर हो गई। अरंडी की बोआई में भी इजाफा हुआ है। खरीफ सीजन की प्रमुख तिलहन फसल सोयाबीन की बोआई 36 फीसदी घटकर 0.99 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई। सूरजमुखी की बोआई 65 फीसदी और तिल की बोआई 43 फीसदी घटी।
अनाज की बोआई 38 फीसदी बढ़ी
चालू खरीफ सीजन में अब तक 18.45 लाख हेक्टेयर में अनाज की बोआई हो चुकी है, जो पिछले समान अवधि में 13.38 लाख हेक्टेयर में हुई बोआई से करीब 38 फीसदी अधिक है। अनाज की बोआई में वृद्धि की प्रमुख वजह बाजरा की बोआई कई गुना बढ़ना है। अब तक 9.81 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया जा चुका है, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकडा महज 2.26 लाख हेक्टेयर था। ज्वार की बोआई में 42.60 फीसदी, मक्के की बोआई में 22.40 फीसदी और छोटे मिलेटस की बोआई में 12.50 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।